धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मनपा द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में मरीजों को मुहैया कराई जा रही सुविधाओं की ऐसी-तैसी हो चुकी है। एक तरह जहां ओपीडी से लेकर वॉर्डों में गंदगी के कारण दुर्गंध से मरीजों और उनके परिजनों को जीना दुश्वार हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ दवाइयों की कमी, एमआरआई और सीटी स्वैâन से लेकर सोनोग्राफी तक कराने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इस बीच केईएम में छह वॉर्डों के शुरू काम का गुरुवार को अतिरिक्त आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे औचक मुआयना करने पहुंचे। इसकी खबर लगते ही अस्पताल में खलबली मच गई। इस बीच उन्होंने कामों के साथ ही साफ-सफाई, मरीजों और अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही मरीजों से पूछताछ कर दवा, इंजेक्शन, खून जांच आदि चीजों का जायजा लिया। यही नहीं आयुक्त ने डीन को फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि सोनोग्राफी विभाग में व्याप्त दिक्कतों को हल करते हुए अन्य कामकाजों में सुधार करिए। उल्लेखनीय है कि मनपा के पांच प्रमुख अस्पतालों की फेहरिस्त में केईएम का भी समावेश है। इस अस्पताल में ओपीजी में हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते है, जबकि सैकड़ों अस्पताल में भर्ती होते हैं। हालांकि, यह अस्पताल हमेशा से स्वास्थ्य असुविधाओं के कारण चर्चा में रहा है। कभी एमआरआई, सीटी और सोनोग्राफी के लिए कई महीनों तक मरीजों को वेटिंग पर रखने के लिए, तो कभी दवाइयों, इंजेक्शनों की कमी और अस्पताल में गंदगी के लिए सुर्खियों में रहा है। इसके साथ ही अस्पताल में चूहे, आवारा बिल्लियों और कुत्तों से भी परेशानी होती है।