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तोड़-फोड़ की राजनीति से नाराज : बीजेपी के वफादार नोटा को देंगे मत! … जो हो रहा है वह अच्छा नहीं है

 लगातार आ रहे हैं ऐसे फोन -सुमित्रा महाजन
सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी की ओर से लोकतंत्र के मुद्दे खत्म किया जा रहा है। सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार को पीछे हटने के लिए मजबूर करने के बाद बीजेपी ने इंदौर में भी कांग्रेस उम्मीदवार को गिरा दिया। तोड़-फोड़ की इस राजनीति से भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में भारी बेचैनी और नाराजगी है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भाजपा को आईना दिखाया है। सुमित्रा महाजन ने कहा कि पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता मुझे फोन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हम इंदौर में नोटा को वोट देंगे।
इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन पत्र वापस लेने के आखिरी दिन समय पर नाम वापस ले लिया और तुरंत भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हत्याकांड का पुराना केस हटाकर उन पर दबाव बनाया है। इसे लेकर जहां बीजेपी की चौतरफा आलोचना हो रही है, वहीं अब बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन ने पार्टी को खरी-खोटी सुनाई है। इंदौर में जो हुआ वह चौंकाने वाला है। यह कहते हुए महाजन ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, उन्होंने कहा कि भाजपा की इस नीति को लेकर निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं ने निराशा व्यक्त की है।

 भाजपा के पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता मुझे फोन कर रहे हैं। शहर के कई गणमान्य लोगों के भी फोन आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने और बीजेपी में शामिल होने के तरीके पर हर कोई नाराजगी जता रहा है. बीजेपी ने जो किया वह अच्छा नहीं है, सुमित्रा महाजन ने कहा कि ज्यादातर लोग कहते हैं कि अब हम ईवीएम पर कमल की जगह नोटा को चुनेंगे।

कांग्रेस प्रत्याशी के हटने और बीजेपी में आने के पीछे की कहानी तो मुझे नहीं पता, लेकिन इंदौर के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसकी क्या जरूरत थी? ये सब चौंकाने वाला है।

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