मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : दिग्विजय सिंह के साथ पहुंचे गहलोत

राजस्थान का रण : दिग्विजय सिंह के साथ पहुंचे गहलोत

गजेंद्र भंडारी

सांसद बनने का सपना देख रहे विधायक
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार करीब ७ विधायकों ने भी अपना भाग्य आजमाया है। बीजेपी जहां प्रदेश की २५ की २५ सीटें जीतने का दावा कर रही है, वहीं इसी बीच विधायकों के चुनाव लड़ने से कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए ये सीटें निकालना इतना आसान नहीं है। इसी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिर ७ में से कितने विधायक इस बार चुनाव जीतकर देश की संसद में पहुंचेंगे। कांग्रेस ने हरीश मीणा को टोंक-सवाई माधोपुर से तो ललित यादव को अलवर लोकसभा सीट, बृजेंद्र ओला को झुंझंनू और दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, नागौर से हनुमान बेनीवाल, बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से बीटीपी के विधायक राजकुमार रोत, बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से शिव विधायक और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा रखी है। इन सात सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की कड़ी टक्कर बताई जा रही है। २००४ से लेकर २०१९ तक कई विधायकों ने संसद में जाने का सपना देखा था, लेकिन इन १५ साल में महज १० विधायक ही संसद पहुंच पाए थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि ४ जून के नतीजों के बाद वे कौन-कौन से विधायक होंगे, जो चुनाव जीतकर देश की संसद में पहुंच पाते हैं।
दिग्विजय सिंह के साथ पहुंचे गहलोत
राजस्थान में लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता दूसरे प्रदेशों में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को अलग-अलग प्रदेशों में प्रचार के लिए भेजा है। गहलोत ने शनिवार को मध्य प्रदेश के राजगढ़ और उज्जैन में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर वोट मांगे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी हरियाणा के चार दिवसीय दौरे पर हैं। शनिवार को करनाल में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के साथ ही चुनावी तैयारियों पर मंथन भी किया। राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार किया। राजगढ़ जिले में आयोजित आमसभा में उन्होंने कहा कि साल १९७७ में जब कांग्रेस के खिलाफ आंधी चल रही थी, तब इंदिरा गांधी तक चुनाव हार गर्इं थीं, लेकिन दिग्विजय सिंह जीते थे। खैर, पिछली बार भी दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए थे। अब देखना होगा कि इस बार वह जीतते हैं या हार का सिलसिला जारी रहता है।
नई गारंटी से पहले मांगा पुराना हिसाब
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि २०१४ और २०१९ के नरेंद्र मोदी के भाषण आपको याद हैं कि नहीं। वो कहते थे न खाऊंगा न खाने दूंगा। देश को विश्वगुरु बनाऊंगा। उनके वादों पर देश ने भरोसा किया, देश में कोरोना हुआ तो मोदी ने कहा थाली बजाओ, देश ने फिर भी उन पर भरोसा किया। दस साल बाद वर्तमान समय में देश में सर्वाधिक बेरोजगारी है। हालत चिंताजनक है। इन्होंने दो करोड़ को नौकरी देने, काला धन लाने की बात कही थी। कहां है कालाधन, कहां हैं दो करोड़ नौकरियां? इन्होंने सिर्फ जनता को लूटने का काम किया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किसानों से २,७०० रुपए क्विंटल गेहूं खरीदने, तीन हजार रुपए महीना महिलाओं को देने, ४५० रुपए में गैस सिलेंडर देने की गांरटी दी थी। यह गांरटी अब तक पूरी नहीं हुई और भाजपा वादे से मुकर गई है। अब फिर लोकसभा चुनाव में गारंटी की बात कर रहे हैं।

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