सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई को पानी की आपूर्ति करनेवाली सात झीलों में २ लाख ३८ हजार ५५२ मिलियन लीटर पानी अथवा केवल १६.४८ प्रतिशत ही बचा है। मुंबई को रोजाना ३,८५० मिलियन लीटर जलापूर्ति पर ध्यान दिया जाए तो उपलब्ध पानी ३१ जुलाई तक चल पाएगा इसलिए मुंबई में पानी की तत्काल कमी नहीं होगी, लेकिन भीषण गर्मी के कारण पानी के तेजी से वाष्पीकरण और पिछले साल की तुलना में सात प्रतिशत कम भंडारण के कारण मनपा प्रशासन ने पानी को बचाकर इस्तेमाल करने, पानी की बर्बादी से बचने की अपील की है।
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों में पिछले वर्षों की तुलना में कम पानी है। राज्य सरकार ने पहले ही भातसा और अपर वैतरणा जलाशयों से मुंबई के लिए अतिरिक्त जल भंडारण को मंजूरी दे दी है। प्रशासन उपलब्ध जल संसाधनों पर कड़ी नजर रख रहा है और उपलब्ध जल संसाधनों की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि यह हर साल की तरह ३१ जुलाई २०२४ तक पर्याप्त रहेगा। इसलिए मुंबईकरों के लिए चिंता का विषय नहीं है, किंतु मनपा आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगरानी ने अपील की है कि सभी लोग पानी का इस्तेमाल संभालकर करें। मुंबई को पानी की आपूर्ति करनेवाले जलाशयों में उपलब्ध जल भंडारण और योजना की समीक्षा के लिए आयुक्त ने कल एक बैठक की और अधिकारियों के साथ जल आपूर्ति की योजना पर चर्चा की। जल का संरक्षण करना चाहिए, पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए, रेस्तरां, होटलों में ग्राहकों को गिलास में पानी देना चाहिए या पानी की बोतल उपलब्ध करानी चाहिए। मनपा ने अपील की है कि पानी बर्बाद न हो। इस अवसर पर अपर आयुक्त जाट बांगर, सहायक आयुक्त चंद्रशेखर चौरे, उपायुक्त (विशेष यांत्रिकी) चक्रधर कंडलकर, जल अभियंता पुरूषोत्तम मालवड़े उपस्थित थे।
मुंबई के लिए अतिरिक्त जल भंडारण
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सात जलाशयों में वर्तमान में २३८,५५२ मिलियन लीटर पानी उपलब्ध है। यह स्टॉक वार्षिक आवश्यकता १४ लाख ४७ हजार ३६३ मिलियन लीटर की तुलना में १६.४८ प्रतिशत है। हालांकि, राज्य सरकार की मंजूरी के कारण, भातसा बांध से १,३७,००० मिलियन लीटर और अपर वैतरणा बांध से ९१,१३० मिलियन लीटर मुंबई के लिए मिलनेवाला है।