मनपाकर्मी चुनाव में व्यस्त
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई महानगरपालिका ने दावा किया है कि प्री-मानसून नाला सफाई का काम लगभग ८० फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन मनपा का यह दावा उस समय तार-तार हो गया, जब मरोल गांव के नागरिकों ने नाले में लगे कूड़े के ढेर की फोटो सोशल मीडिया में शेयर कर दी। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि काम की धीमी गति के कारण समय सीमा के भीतर काम पूरा होने में संदेह है इसलिए आशंका जताई जा रही है कि इस मानसून में फिर से मुंबई डूबेगी, क्योंकि एक तरफ मुंबई मनपा के अधिकांश कर्मी चुनाव में व्यस्त हैं तो ऐसे में काम तो प्रभावित होगा ही।
कई जगहों पर काम नहीं हुआ शुरू
बता दें कि मनपा ने मीठी नदी सहित अन्य नालों की सफाई का २४९.२७ करोड़ रुपए का काम ३१ ठेकेदारों को दिया है। पिछले साल मार्च के पहले सप्ताह में नालों की सफाई शुरू हो गई थी, लेकिन इस वर्ष १८ मार्च से नालों की सफाई का काम शुरू किया गया है। इसके बावजूद यह काम धीमी गति से चल रहा है। नागरिकों की शिकायत है कि कई जगहों पर काम शुरू भी नहीं किया गया है।
२० मई के बाद कार्य में आएगी तेजी
बताया जाता है कि राज्य सरकार और मुंबई मनपा के कुल ७० प्रतिशत कर्मचारी लोकसभा चुनाव के काम में व्यस्त हैं। इस बारे में मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न विभागों के माध्यम से परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इसमें सड़क, पुल, बरसाती नाले, सीवेज निस्तारण, ठोस कचरा प्रबंधन जैसे प्रमुख विभागों के कर्मचारी चुनाव कार्य में व्यस्त रहने के कारण ये कार्य प्रभावित हो रहे हैं। २० मई के बाद नाला सफाई के कार्य में तेजी आएगी।
पैदा हो सकती है बाढ़ की स्थिति
नाला सफाई को लेकर सामाजिक संगठन ‘वॉचडॉग फाउंडेशन’ ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यदि बारिश से पहले नाला सफाई का काम पूरे नहीं किए गए तो इससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि, मनपा के कई कर्मचारी और अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर हैं, इसलिए काम में देरी हो रही है।