अरुण कुमार गुप्ता
देश-दुनिया में खुशबू के अपने कारोबार के लिए मशहूर इत्रनगरी कन्नौज में सियासी तापमान हाई है। सियासतदानों के बीच जुबानी जंग भी जारी है। अपनी-अपनी जीत के लिए हर पैंतरे और हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। अब यहां के इत्र कारोबार को लेकर भी सियासी बहस तेज हो गई है। सपा जहां इस कारोबार पर ध्यान न देने का आरोप लगाकर सरकार को घेर रही है, वहीं सत्ता पक्ष इस दिशा में किए गए काम को गिना रहा है। इन सबके बीच यहां के आम कारोबारी सिर्फ बयानों को तौल रहे हैं। बता दें कि कन्नौज में इत्र बनाने का काम दुनिया में सबसे पुराना माना जाता है। फूलों से इत्र तैयार करने का तरीका प्राकृतिक है, जबकि परफ्यूमरी उद्योग के लिए दुनियाभर में मशहूर प्रâांस के ग्रासे शहर में परफ्यूम बनाया जाता है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज की खुशबू को लेकर लगातार सवाल कर रहे हैं। यहां चुनाव लड़ने के एलान के बाद से ही वो समय-समय पर यहां इस कारोबार की अनदेखी का हवाला देकर भाजपा को घेर रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा भी जवाबी हमला से नहीं चूक रही है। सपा शासन में `एक जिला एक उत्पाद’ योजना में इत्र कारोबार को शामिल करने और नए लोगों को इस कारोबार से जोड़ने का हवाला देकर आरोपों को नकारा जा रहा है। सियासतदानों के बीच चल रही जुबानी जंग के दौरान यहां इस कारोबार से जुड़े लोग अपने काम के साथ ही नेताओं के बयान पर भी निगाह लगाए हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच यहां अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इत्र कारोबारी कौन से दल के ऊपर खुशबू बिखेरते हैं?
बसपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी
कहा जाता है कि राजनीतिक रैलियों में ज्यादातर जुटने वाली भीड़ प्रायोजित होती है। भीड़ जुटाने के लिए नेता भी हर हथकंडा अपनाते हैं। इसी कड़ी में प्रत्याशियों के नामांकन से पहले निकाले जाने वाले जुलूस में भी काफी संख्या में कार्यकर्ताओं के नाम पर भीड़ इकट्ठा की जाती है और यह भीड़ भी प्रायोजित ही होती है। शराब और नॉनवेज का लालच तो आम बात है। देखने में यह भी आता है कि रैलियों में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं की गाड़ियों में तेल भी भरवाने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन मिर्जापुर से बसपा उम्मीदवार के नामांकन से पहले रैली में शामिल हुए कार्यकर्ता तेल का पैसा न मिलने पर हंगामा खड़ा कर दिए। बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी मनीष कुमार त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट में नामांकन किया। उनके नामांकन में काफी संख्या में वाहन जुलूस में आए थे। नामांकन के बाद सभी कार्यकर्ता उनके कार्यालय पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने गाड़ी में भराए गए तेल के पैसे मांगे। पैसे न मिलने पर नाराज कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। ऐसे में अब यही कहा जा रहा है कि कार्यकर्ताओं की यह नाराजगी मनीष कुमार त्रिपाठी पर काफी भारी पड़ेगी।
ओपी की बातों में कितना दम
योगी सरकार में वैâबिनेट मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर बड़बोलापन दिखाया है। उन्होंने इस बार समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि सपा-भाजपा की बी टीम है। उन्होंने कहा कि घोसी में हमने बसपा का नहीं, बल्कि सपा प्रत्याशी राजीव राय को सेट कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि यहां बड़ी संख्या में लोग एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में छड़ी पर वोट करेंगे। ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को एनडीए ने घोसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में राजभर दिन रात बेटे की जीत के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सुभासपा नेता ने समाजवादी पार्टी को लेकर बड़ा दावा कर दिया। उन्होंने कहा कि आप पता कर सकते हैं कि दोहरी घाट में उनकी बिरादरी के ५०-६० फीसद लोग हमारी पार्टी के समर्थन में छड़ी पर वोट दे रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी पार्टी नहीं, बल्कि सपा, भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है। राजभर ने कहा कि आप खुद ही देख लीजिए कि मध्य प्रदेश में खुद अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस को वोट मत देना। ये हमारे नहीं हुए तो किसी और के क्या होंगे। यही वजह है कि सपा ने यहां से हारने वाले उम्मीदवार को टिकट दिया है। उन्होंने दावा किया कि हमने पहले से ही इतना वोट इकट्ठा कर लिया है। ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले दिनों राजभर ने दावा किया था कि उन्हें दिल्ली वालों ने पहले पूछा था कि आप कौन सा विभाग लोगे। अब यही कहा जा रहा है कि चुनाव बाद पता चलेगा कि राजभर की बातों में कितना दम है।