– सूची से नाम गायब होने पर परेशान दिखे लोग…वोटरों ने मतदान का किया बहिष्कार
-राज्य में ५३ और देश में ६३प्रतिशत मतदान
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में चौथे चरण में कल ११ लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। इस चुनाव में कुल २९८ प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम मशीन में बंद हो गया। हालांकि, इस बीच महाराष्ट्र के कई लोकसभा क्षेत्रों में मतदान के समय जमकर महाभारत दिखाई दिया। चौथे चरण में राज्यभर मे औसतन ५३ प्रतिशत और देशभर में ६३ प्रतिशत मतदान की खबर है। कई इलाकों में वोटरों ने मतदान का ही बहिष्कार कर दिया, तो कुछ क्षेत्रों में मतदाता सूची से नाम गायब होने पर वोटर परेशान दिखाई दिए। हद तो यह हो गई कि संभाजीनगर, पुणे समेत कई लोकसभा क्षेत्रों में ईवीएम मशीन ही बंद पड़ गई। इस वजह से घंटों मतदान की प्रक्रिया रोकनी पड़ी। इसे लेकर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि यह पहले से ही सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। दूसरी तरफ कई मतदान केंद्रों में मोबाइल फोन को अंदर न ले जाने देने के कारण कई मतदाता वापस लौट गए। सबसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य के १४ गांव ऐसे हैं, जहां के निवासियों ने अपने पड़ोसी राज्य तेलंगाना में जाकर मताधिकार का प्रयोग किया।
उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले चरण में पांच, दूसरे चरण में आठ और तीसरे चरण में ११ लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। वहीं कल ११ सीटों के साथ महाराष्ट्र की ४८ में से ३५ लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई। इसमें नंदुरबार, जलगांव, रावेर, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, मावल, पुणे, शिरूर, नगर, शिरडी व बीड लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई। इसी के साथ ही कल २९८ प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में वैâद हो गई। इससे पहले तीन चरणों में २४ लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग हुई। पुणे समेत महाराष्ट्र के जिन इलाकों में चुनाव हुए, वहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद कई क्षेत्रों में बोगस वोटिंग के मामले सामने आए। सूत्रों के मुताबिक, पुणे में जगह-जगह फर्जी वोटिंग की शिकायतें मिली। कोथरूड में कई मतदाताओं ने आरोप लगाया कि उनके वोट पहले ही पड़ चुके हैं। इसी तरह शिरूर में भी इस तरह की शिकायतें मिलीं। इसके बाद पुणे में एक और जगह फर्जी वोटिंग का आरोप लगा है। राजगुरुनगर शहर में फर्जी वोटिंग का आरोप लगा, जिसमें बताया गया कि किसी फर्जी व्यक्ति ने वोट किया और मतदाताओं के नाम पर हस्ताक्षर किए। इस बात का आरोप खुद वोट देने पहुंचे एक नागरिक ने लगाया है।