सामना संवाददाता / मुंबई
लोगों को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं रहा। २०१४ के चुनाव में उन्होंने २ करोड़ नौकरियां, प्रत्येक को १ लाख रुपए, महंगाई कम करने की गारंटी दी थी, लेकिन इनमें से कोई भी गारंटी पूरी नहीं हुई। मोदी अब जनता के मुद्दों पर बात नहीं कर रहे हैं। देश आज कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है। लोकतंत्र, संविधान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। भाजपा संविधान बदलने की बात कर रही है, लेकिन संविधान बदलने से पहले जनता बीजेपी को ही बदल देगी और ४ जून को बीजेपी अपनी सबसे बड़ी हार देखेगी, यह बात मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और उत्तर-मध्य मुंबई से इंडिया आघाड़ी की उम्मीदवार प्रो. वर्षा गायकवाड़ ने कही।
चांदीवली में कार्यकर्ताओं की एक सभा में बोलते हुए वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना को फर्जी बताया। उनके बारे में आए दिन अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। अजीत पवार पर ७० हजार करोड़ के घोटाले का आरोप था, इसके बावजूद उन्हें सत्ता में भागीदारी दिलाई। नरेंद्र मोदी ने चुनावी बॉन्ड से करोड़ों रुपए वसूले और आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगा रहे हैं। बीजेपी द्वारा `बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लगाया जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भाजपा के राज में ही महिलाओं पर अत्याचार अधिक हुए हैं। सभी मुद्दों पर बातें करने वाले पीएम मोदी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते। मणिपुर से हाथरस, उन्नाव में महिलाओं पर अत्याचार हुआ। कर्नाटक में सैकड़ों महिलाओं पर प्रज्वल रेवन्ना ने अत्याचार किया, लेकिन मोदी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। राजनीतिक दलों में फूट डालना, धार्मिक तनाव पैदा करना अब लोग पसंद नहीं कर रहे हैं, इन्हीं सब वजहों से लोकसभा चुनाव में बीजेपी बुरी तरह हारेगी, ये बात तो तय है।
इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष नसीम खान ने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है और संविधान, लोकतंत्र संकट में है, गरीब, मजदूर संकट में हैं, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही है। गांधी परिवार के लोग देश के लिए शहीद हो गए। राहुल गांधी देश को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस लड़ाई में मजबूती से भाग लेना चाहिए। यह देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई है। सभी सामाजिक समूहों ने अब ४ जून के बाद दिल्ली की भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले लिया है।