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संविधान विरोधी है भाजपा सरकार…लोगों का छीनना चाहती है अधिकार

-बीजेपी को लाना भूल भी हमारी…आदित्य ठाकरे का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई

भाजपा की सरकार संविधान विरोधी सरकार है। इनकी संविधान बदलने की मंशा साफ है। यह सरकार लोगों के अधिकार छीनना चाहती है। भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर ऐसा जोरदार हमला शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल दक्षिण-मुंबई में आयोजित एक जनसभा में बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा को लाना हमारी भूल थी, अब यह सरकार नहीं बनने देंगे, क्योंकि हमें देश मे लोकतंत्र को बचाना है। महाराष्ट्र को बचाना है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा अपने किए हुए वादे पर कभी खरी नहीं उतरी है। आज हमें विचार करने की स्थिति पर भाजपा ने ला दिया है।
दक्षिण मुंबई के मुंबादेवी इलाके में महाविकास आघाड़ी की ओर से शिवसेना प्रत्याशी अरविंद सावंत के प्रचारार्थ आयोजित जनसभा में आदित्य ठाकरे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह वही भाजपा है, जिसे देश से द्वेष है, डॉ. बाबासाहेब से द्वेष है।
संविधान से द्वेष है। भाजपा का नारा है अबकी बार ४०० पार, यह उन्हें क्यों चाहिए, इसका खुलासा खुद भाजपा के सांसदों ने किया है कि उन्हें संविधान बदलना है। आखिर क्यों संविधान बदलना है? हमें जो अधिकार मिला है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने जो हमें अधिकार दिया है। उसे क्यों छीनना चाहते हो? आखिर आपको यह क्यों बदलना है? उन्होंने कहा कि जैसे बीसीसीआई में आप बिना चुनाव अध्यक्ष हो सकते हो, सचिव हो सकते हो, उसी तरीके से देश में भी भविष्य में ऐसा ही कुछ करना चाहते हो?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा जब हारने लगती है तो हिंदू-मुस्लिम का विवाद निर्माण करती है। देश में फिर राज्य में धर्म-जाति का विवाद निर्माण करती है। इतने से काम नहीं चले तो छोटी-छोटी जगह पर वह लोगों के बीच स्थानीय मुद्दों पर झगड़ा कराती है। दो गुटों में लड़ाई कराकर राजनीतिक लाभ लेने में जुट जाती है। इस बार भाजपा की सरकार हार रही है। इसीलिए वह हिंदू-मुस्लिम में धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि इस बार केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं बनने देंगे, क्योंकि हमें लोकतंत्र बचाना है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में पहली बार चुनाव हो रहा है और आश्चर्य है कि भाजपा वहां चुनाव नहीं लड़ रही है। क्योंकि वहां भाजपा जीतेगी नहीं। लद्दाख में एक व्यक्ति पिछले कई महीने से भाजपा के खिलाफ आंदोलन पर बैठा हुआ है। उसके साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे हुए हैं। जब लद्दाख को केंद्र शासित राज्य घोषित किया था, तब इतना बड़ा भाषण दिया था कि हमको लगा था कि लद्दाख का विकास कहां से कहां जाएगा, लेकिन लद्दाख में एकमात्र भाजपा के सांसद ने इस्तीफा देकर चुनाव नहीं लड़ा और माफी मांग ली है। कहा है कि एक ही भूल कमल का फूल। दूसरी तरफ भाजपा को महाराष्ट्र के प्रति द्वेष है। भाजपा ने महाराष्ट्र की राजनीति को गंदा कर दिया। पक्ष तोड़ दिए। यह वही भाजपा है, जो कोरोनाकाल में घर बैठकर थाली पीट रही थी, जबकि हमारी सरकार जनता के लिए काम कर रही थी। अस्पतालों में लोगों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा रही थी। कोरोना काल में लोगों को अस्पताल पहुंचाने, प्रवासियों को घर भेजने से लेकर राशन पहुंचाने तक का काम हमारी सरकार कर रही थी। ये लोग तब सिर्फ घरों में बैठकर आरोप लगा रहे थे।

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