सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में आ चुका है। इस बीच सत्ता पक्ष द्वारा चुनावों में जबरदस्त पैसा बहाए जाने की खबरें भी आ रही हैं। अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि चुनाव प्रचार में जमकर काले धन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बहुत संभव है कि यह काला धन ड्रग्स माफियाओं के जरिए भी बहाया जा रहा हो। सूत्रों का तो यही दावा है। उनके अनुसार राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के जरिए पिछले डेढ़-दो वर्षों से ड्रग्स माफिया महाराष्ट्र में काफी सक्रिय हैं और कहीं न कहीं, उन्हें सत्ताधारी नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त हो रहा है।
ताजा खबरों के अनुसार हाल ही में मुंंबई पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर शहर में एक बड़ी ड्रग फैक्ट्री का पता लगाया था, जहां से मुंबई में ड्रग सप्लाई की जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों सरफराज शेख, माजिद शेख और अब्दुल शेख को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सुरागों का पीछा करने पर पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है, परंतु कई मामलों में कुछ भ्रष्ट पुलिस वालों की वजह से आरोपियों को आसानी से जमानत भी मिली है। अभी कुछ महीने पहले ही मुंबई सेंट्रल पुलिस ने ड्रग्स के एक मामले में राजस्थान के कोटा निवासी आशीष डागा को रंगे हाथों पकड़ा था, पर उसे आसानी से जमानत मिल गई। अब जमानत के बाद भी पुलिस न तो मामले में गंभीरता से पैरवी कर रही है, न ही उससे मिले सुराग की मुस्तैदी से जांच। यदि इस मामले में भी पुलिस गंभीरता से जांच करती तो बहुत संभव है कि जोधपुर कांड की तरह राजस्थान के किसी अन्य शहर से भी एक बड़ा रैकेट खुल सकता था।
गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पुणे में मिले ड्रग्स जखीरे मामले के बाद मीडिया को पहले ही बता चुके हैं कि उन्होंने अपने विभाग को सख्त हिदायत दी है कि वो ड्रग्स के मामले में कोताही बरतने वाले या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जानेवाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करे व ऐसे मामलों में ट्रेल का पीछा करते हुए माफियाओं की जड़ तक पहुंचे। परंतु प्रत्यक्ष में उनके आदेश की अवहेलना होते भी देखी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, मुंबई में राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और एमपी से ड्रग्स की डीलिंग तेजी से बढ़ रही है। वहां के ड्रग पैडलर्स व माफिया अपने गुर्गों के जरिए ड्रग्स के सैंपल और ड्रग्स की खेप तेजी से मुंबई भिजवा रहे हैं। जो वसई-विरार जैसे आस-पास के उपनगरों में किराए पर रहनेवाले उनके गुर्गों तक पहुंचती है और फिर उन्हें मुंबई के बाजार में पहुंचा दिया जाता है। मुंबई में बड़े लेवल पर चल रहे इस कारोबार पर समय रहते लगाम नहीं लगी तो आनेवाले समय में मुंबई में ड्रग्स का कारोबार और विकराल रूप धारण कर सकता है।