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कभी-कभी : कुछ यूं मिली प्रसिद्धी…

यू.एस. मिश्रा

लता मंगेशकर के गीतों को सुन-सुनकर अपनी गायन प्रतिभा विकसित करनेवाली पार्श्वगायिका अनुराधा पौडवाल को जब पता चला कि सुभाष घई की फिल्म ‘हीरो’ से न केवल हीरो-हीरोइन, बल्कि एक नया पार्श्वगायक भी लॉन्च हो रहा है तो वे फिल्म के संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के पास पहुंच गर्इं। उन्होंने लक्ष्मीकांत को सुझाव देते हुए बतौर डबिंग आर्टिस्ट फिल्म का एक गीत खुद से गवाने का अनुरोध किया। उनके अनुरोध को स्वीकार कर लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने उनसे एक गीत डब करवा लिया।
१७ अक्टूबर, १९५४ को मुंबई में जन्मी अनुराधा पौडवाल ने शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा नहीं ली, लेकिन पंडित जसराज और पंडित रामनारायण से उन्होंने संगीत के कुछ गुर जरूर सीखे। अधिकांशत: लता मंगेशकर के गीतों को सुन-सुनकर गीत सीखनेवाली अनुराधा पौडवाल लता मंगेशकर द्वारा गाए गए गीतों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड लगाकर उनकी आवाज में अपनी आवाज को मिलाकर उनके साथ उस गीत को गातीं। लता मंगेशकर के सुर में अपना सुर मिलाकर अपनी गायन प्रतिभा विकसित करनेवाली अनुराधा पौडवाल का विवाह संगीतकार अरुण पौडवाल से हुआ था। संगीतकार अनिल मोहिले और अरुण पौडवाल की जोड़ी ने कई मराठी फिल्मों में संगीत दिया और वे संगीतकार एस.डी. बर्मन के सहायक भी रह चुके थे इसलिए एक दिन उन्होंने अनुराधा का जिक्र एस.डी. बर्मन से किया। एस.डी. बर्मन ने जब अनुराधा की आवाज सुनी तो उनकी आवाज से प्रभावित होकर १९७३ में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी अभिनीत फिल्म ‘अभिमान’ के लिए गीता का एक श्लोक रिकॉर्ड करवाया, जो अनुराधा पौडवाल का फिल्मों में पहला कदम था। फिल्म ‘अभिमान’ की सफलता के बावजूद अनुराधा पौडवाल को दो वर्षों तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कोई विशेष काम नहीं मिला। इस दौरान वे मराठी फिल्मों के लिए गीत गाती रहीं, लेकिन १९७६ में संगीतकार जयदेव ने फिल्म ‘लैला मजनू’ का एक गीत ‘लैला मजनू दो बदन इक जान थे…’ अनुराधा पौडवाल, प्रीति सागर और राजकुमार रिजवी की आवाज में रिकॉर्ड करवाया। इसी वर्ष संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी ने फिल्म ‘कालीचरण’ के लिए अनुराधा पौडवाल और कंचन की आवाज में ‘एक बटा दो, दो बटे चार, छोटी-छोटी बातों में बंट गया संसार…’ गीत गवाया, जो बच्चों में बेहद लोकप्रिय हुआ और यह अनुराधा पौडवाल का पहला हिट गीत था। इसके बाद उन्होंने ‘हम तो गरीब हैं हमसे गरीब तुम हो…’, ‘मैं डैडी से प्यार करती हूं…’, ‘जीजाजी जीजाजी, होनेवाले जीजाजी…’, ‘ओ मेरी जान बोल मेरी जान…’ जैसे गीत गाए, लेकिन १९८४ में रिलीज हुई फिल्म ‘हीरो’ के संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल उनके लिए गॉडफादर बन गए और इस फिल्म से उनकी किस्मत कुछ इस कदर चमकी कि फिल्म में गाए गए उनके गीत ‘तू मेरा जानू है…’, ‘प्यार करनेवाले कभी डरते नहीं…’, ‘डिंग डॉन्ग ओ बेबी सिंग ए सॉन्ग…’ हर गली-कूचे में बजे और उनकी आवाज घर-घर तक पहुंच गई। इस फिल्म की कामयाबी अनुराधा पौडवाल की पहली सबसे बड़ी कामयाबी थी। उन दिनों जब फिल्म ‘हीरो’ लॉन्च हो रही थी। अनुराधा पौडवाल को पता चला कि इस फिल्म के जरिए इंडस्ट्री में बतौर हीरो-हीरोइन जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ ही बतौर गायक मनहर उधास को भी लॉन्च किया जा रहा है। अत: अनुराधा पौडवाल को लगा कि क्यों न मैं भी एक चांस ले लूं, क्योंकि उन दिनों डबिंग के गाने बहुत हुआ करते थे। मुहूर्त गीत ‘तू मेरा जानू है, तू मेरा दिलबर है…’ लता मंगेशकर और मनहर उधास की आवाज में रिकॉर्ड होना था, लेकिन उन दिनों लता मंगेशकर काफी व्यस्त थीं। अब अनुराधा पौडवाल फिल्म के संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के पास पहुंच गईं और उन्हें सुझाव देते हुए बोलीं, ‘लक्ष्मी जी, मैं इस गाने को बतौर डबिंग आर्टिस्ट गाना चाहती हूं।’ उनकी बात सुनकर लक्ष्मीकांत ने कहा, ‘लेकिन इस गाने को लता जी गानेवाली हैं।’ इस पर अनुराधा ने कहा, ‘कोई बात नहीं, इस गीत को गाने से मुझे एक्सपीरियंस भी हो जाएगा।’ खैर, इस बात से सभी वाकिफ थे कि इस मुहूर्त गीत को बाद में लता मंगेशकर की आवाज में डब कर लिया जाएगा। अब इस गीत को मनहर उधास और अनुराधा पौडवाल की आवाज में रिकॉर्ड कर लिया गया। शाम को फंक्शन में उपस्थित लोगों ने अनुराधा की आवाज को सुनकर कहा, ‘जब फिल्म में लड़का नया है, हीरोइन नई है, मेल सिंगर नया है तो फीमेल वॉइस को क्यों रिप्लेस करते हो।’ लोगों के इस तरह कहने के बाद लता मंगेशकर की आवाज में गीत को डब करने की बजाय अनुराधा पौडवाल की आवाज को गीत में जस का तस बरकरार रखा गया। फिल्म की रिलीज के बाद इस गीत ने ऐसी धूम मचाई कि बतौर पार्श्वगायिका अनुराधा पौडवाल इंडस्ट्री में स्थापित हो गईं।

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