गजेंद्र भंडारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री के लिए मशहूर श्याम रंगीला का वाराणसी से नामांकन रद्द हो गया है। इससे वह दुखी तो हैं, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी है। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के इरादे से वाराणसी पहुंचे राजस्थान निवासी श्याम रंगीला का नामांकन रद्द हो गया है। रंगीला के नामांकन के दौरान सबसे खास बात ये रही कि महज २४ घंटे के दौरान दो बड़ी खुशखबरियों पर एक बुरी खबर ने अचानक पानी फेर दिया। दरअसल, वाराणसी लोकसभा सीट पर नामांकन के आखिरी दिन के आखिरी वक्त पर श्याम रंगीला नामांकन दाखिल करने में सफल रहे थे, जिसके बाद वे खुशी और राहत की मुद्रा में कलक्ट्रेट परिसर से बाहर निकले थे। वहीं इसके फौरन बाद भारत चुनाव आयोग से अधिकृत और पंजीकृत आजाद अधिकार सेना ने उन्हें समर्थन देने का एलान भी किया। लेकिन कुछ ही पलों बाद नामांकन खारिज होने की खबर ने श्याम रंगीला के सभी अरमानों पर पानी फेर दिया। नामांकन खारिज होने के बाद दी गई प्रतिक्रिया में श्याम रंगीला ने कहा कि मुझे वाराणसी से नहीं लड़ने देंगे, ये तय था जो अब साफ हो गया है। इससे दिल जरूर टूट गया है, लेकिन हौसला नहीं टूटा है।
पुलिस अधिकारी पर भड़कीं दिव्या
कांग्रेस की फायरब्रांड नेता दिव्या मदेरणा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। राजस्थान की जोधपुर जिले की ओसियां से पूर्व विधायक ने इस बार पुलिस अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला है। इस बार उनके निशाने पर जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव हैं। मदेरणा लगातार सोशल मीडिया पर अपने हैंडल से पुलिस की कार्य प्रणाली पर हमला बोल रही है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि उनकी कार्यशैली की वजह से जोधपुर जिले में कांग्रेस की सीटें नहीं आई थीं। आज चुनाव हो जाए तो बीजेपी की भी सीटें नहीं आएंगी। पूर्व विधायक पुलिस की कार्यशैली को लेकर लगातार ही सवाल उठा रही हैं। बीते १४ मई को भी उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि आजकल पिक्चर देखकर सिंघम बनने की होड़ लगी हुई है। सोशल मीडिया में पुलिस अधिकारी हीरो बनने के चक्कर में पब्लिक ह्यूमिलिटेशन के अनेक हथकंडे अपनाते हैं। आम जनता को व पीड़ित को यह जानकारी ही नहीं होती कि पुलिस कस्टडी में बनाए वीडियो में जुर्म कबूल करवा वायरल करना, सिर-मूछ और दाड़ी मुंडवाना, जुलूस निकलवाना पूरी तरह गैरकानूनी है।