सामना संवाददाता / कोलकता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विवादित बयान देने के बाद बीजेपी नेता अभिजीत गंगोपाध्याय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अभिजीत गंगोपाध्याय कलकत्ता हाई कोर्ट के जज से नेता बने हैं। उनके विवादित बयान पर टीएमसी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। टीएमसी ने अभिजीत गंगोपाध्याय के ऊपर आदर्श आचार संहिता और कानून के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन का आरोप लगाया है।
पूर्वी मिदनापुर के चैतन्यपुर में एक चुनावी रैली में अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस कहती है कि रेखा पात्रा (भाजपा की संदेशखाली उम्मीदवार) को २,००० रुपए में खरीदा गया है। ममता बनर्जी जी, आपकी कीमत क्या है, १० लाख रुपए? एक महिला दूसरी महिला का इतना अपमान कैसे कर सकती है।
बहुत अपमानजनक भाषा
टीएमसी की शशि पांजा ने कहा कि उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह बहुत अपमानजनक है, वे पूर्व न्यायाधीश हैं, उन्हें कानून की समझ होनी चाहिए। बीजेपी में जो जितनी गाली देता है, वह उतना ही भाजपा की सीढ़ियों से ऊपर जाता है, उसका प्रमोशन होता है। बीजेपी में कोई माफी नहीं मांगता, इस बात को लेकर उन्हें कोई ग्लानि नहीं है। यह बयान उनका चरित्र दर्शाता है। हम इसके खिलाफ चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख रहे हैं, इस तरह के उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द होनी चाहिए।