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चार धाम यात्रा के लिए लगातार बढ़ रहे श्रद्धालु …प्रशासन ने लगाई वीआईपी दर्शन पर रोक

पिछले पांच दिनों में ११ लोगों की हुई मौत
भारी भीड़ के चलते कुछ श्रद्धालुओं को लौटना पड़ा
सामना संवाददाता / हरिद्वार
चार धाम यात्रा के लिए लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या देख उत्तराखंड प्रशासन के हाथ-पांव फुल गए हैं। वहीं पिछले पांच दिनों में ११ श्रद्धालुओं की मौत को देखते हुए प्रशासन ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है।
उधर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि श्रद्धालु अपने पूरी स्वास्थ्य की जानकारी दें, क्योंकि चारों धाम ऊंचाई पर स्थित हैं और गर्म इलाकों से आने वाले लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।’ उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे अपनी किसी भी बीमारी को छुपाएं नहीं और बताया कि उनकी स्वास्थ्य जांच की पूरी व्यवस्था की गई है।
चार धाम यात्रा उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक है, जो श्रद्धालुओं को अपने पवित्र स्थलों की ओर आकर्षित करती है। ‘चार धाम’ शब्द राज्य के चार पवित्र स्थानों -यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को संदर्भित करता है। ये स्थल देवी-देवताओं के निवास के रूप में पूजे जाते हैं और हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखते हैं। ये धाम ऊंचाई पर स्थित हैं और सर्दियों के कारण हर साल लगभग छह महीने (अक्टूबर या नवंबर से अप्रैल या मई तक) बंद रहते हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु इस तीर्थयात्रा पर निकलते हैं, यह मानते हुए कि इन पवित्र स्थानों के दर्शन से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम की यात्रा १० मई से शुरू हुई थी, जबकि बद्रीनाथ धाम १२ मई को खुला। अभी तक २ लाख ७० हजार से अधिक श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ में १.५५ लाख से अधिक, यमुनोत्री में ७० हजार से अधिक और गंगोत्री में ६३ हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। सिर्फ तीन दिनों में ही बद्रीनाथ धाम में ४५ हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
सोशल मीडिया पर भी पाबंदी
उत्तराखंड सरकार ने ३१ मई २०२४ तक चार धाम यात्रा में वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। मकसद यह है कि सभी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके।
इसके अलावा मुख्य सचिव राधा रतूरी ने चारों धामों के मंदिर परिसरों के ५० मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील्स बनाने पर रोक लगा दी है। यह पैâसला सोशल मीडिया के लिए फिल्मिंग करने वाले लोगों की बढ़ती मौजूदगी से श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए लिया गया है।

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