सामना संवाददाता / मुंबई
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और सांसद सुनील तटकरे सिंचाई घोटाले के आरोपी थे। इसमें कुछ भी गलत नहीं था, ऐसा खुलासा भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया को दिए साक्षात्कार में किया है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि मामले में मैंने जो सवाल उठाए थे, उसमें जरा भी गलती नहीं है।
२०१४ में सिंचाई घोटाला मामले में अजीत पवार और गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के साथ कथित संबंधों को लेकर प्रफुल्ल पटेल पर जो आरोप लगाए थे वे आरोप लगाना गलती थी क्या? मीडिया द्वारा पूछे गए इस सवाल पर फडणवीस ने कहा कि मेरे द्वारा लगाए गए सभी आरोप सच थे। मैंने जो भी मामले उठाए, उन पर कार्रवाई हुई। उन मामलों में एफआईआर दर्ज की गईं, आरोपपत्र दायर किए गए और कुछ को दोषी भी ठहराया गया। इससे मैं संतुष्ट हूं कि सभी आरोप सच हो गए है। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि भ्रष्ट आचरण पर अंकुश लगाया गया है और निविदा प्रक्रिया में सभी नए नियम और शर्तें लागू की गई हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमने अजीत पवार पर इसलिए आरोप लगाया क्योंकि वह उस विभाग के प्रमुख थे। उन्हें जिम्मेदार ठहराना स्वाभाविक था। इन १३-१४ सालों में जांच एजेंसियों ने सब कुछ जांच की। लेकिन किसी भी आरोपपत्र में एजेंसियों ने उन्हें (अजीत को) सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया है।
कोकण संभाग के मामलों में एक एजेंसी ने आरोपपत्र में यह भी कहा था कि वह अजीत पवार और सुनील तटकरे की भूमिका की जांच कर रही थी, अंतत: उन्हें भी कुछ नहीं मिला। फडणवीस ने बताया कि किसी भी आरोपपत्र में उनके नाम का जिक्र नहीं है। विपक्ष में रहते हुए फडणवीस ने अजीत पवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। विपक्ष में रहते हुए उनके द्वारा लगाए गए आरोप के बारे में एक साक्षात्कार में फडणवीस से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की।