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हेल्दी लाइफ स्टाइल और डाइट का हुआ असर … २०० कर्मियों ने दी डायबिटीज पर मात!

दवा हुई बंद, रोग कंट्रोल
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई जैसे शहरों में बीते कई सालों से जीवनशैली में तेजी से बदलाव आया है। इससे लोग हाइपरटेंशन, डायबिटीज और दिल की बीमारी समेत कई गंभीर रोगों को न्योता दे चुके हैं। हालांकि, इन सबके बीच मुंबईकरों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। इस खबर के मुताबिक यदि हेल्दी लाइफ स्टाइल और डाइट का मजबूत कांबिनेशन हो तो डायबिटीज की दवाओं को आसानी से बंद किया जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन समझी जानेवाली बेस्ट बस में कार्यरत कर्मी हैं। बेस्ट ने इस कदर करामात कर दिखाया है कि न केवल दो सौ कर्मियों की दवा बंद हो गई है, बल्कि ५०० कर्मचारी दवाओं का सेवन करना कम कर दिए हैं। बेस्ट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल सिंघल ने कहा कि दो सौ कर्मियों की दवा बंद होने के बाद भी उनका रोग पूरी तरह से कंट्रोल में है।
मुंबई जैसे शहरों में लाइफ स्टाइल में तेजी से आए बदलाव और गलत खानपान से ३० साल की उम्र के बाद ही करीब छह फीसदी लोग डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। इतना ही नहीं डायबिटीज साइलेंट किलर बन रहा है, जो हार्ट और ब्रेन पर भी असर डाल रहा है। ऐसे में डायबिटीज को रिवर्स यानी खत्म करने की सोच आजकल बहुत ज्यादा बढ़ गई है। कई सारे कमर्शियल ऑर्गनाइजेशन डायबिटीज ‘डायबिटीज को पलटने’ की इस मुहिम में कूद पड़े हैं। डायबिटीज के रिवर्स होने यानी खत्म होने के फायदे और नुकसान पर विचार करना जरूरी है। इसी विचार पर १४ नवंबर २०२२ से बेस्ट के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल सिंघल के नेतृत्व में दादर किंग्सवे स्थित बेस्ट की कार्यशाला में मधुमेह परावर्तन केंद्र शुरू किया गया है। इस सेंटर में बेस्ट में काम करनेवाले ऐसे कर्मचारियों की पहचान की जा रही है, जिन्हें डायबिटीज ने अपने चंगुल में फंसा लिया है। इसी के तहत इस साल भी बेस्ट कर्मियों के लिए मधुमेह रिवर्सल कार्यक्रम शुरू किया गया।
ये हैं डायबिटीज के लक्षण
डॉ. सिंघल ने कहा कि अधिक भूख-प्यास लगना, अधिक पेशाब आना, खुद को थका हुआ महसूस करना, वजन बढ़ना या कम होना, त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं होना, उल्टी का मन होना, मुंह सूखना, बाहरी संक्रमण के प्रति शरीर संवेदनशील हो जाता है, नेत्र संबंधी समस्याएं जैसे धुंधला दिखना आदि लक्षण हैं।
ये साइलेंट किलर, नियंत्रित करना जरूरी
३० साल की उम्र के बाद प्रत्येक व्यक्ति को स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए। अगर किसी के परिवार में किसी को डायबिटीज रह चुकी है तो बच्चों में भी होने का खतरा रहता है। लाइफ स्टाइल को बदल कर और खानपान में नियंत्रित करके इससे बचा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को व्यायाम जरूर करना चाहिए।

डायबिटीज से जूझ रहे १,८०० बेस्ट कर्मी
डॉ. अनिल सिंघल ने बताया कि बेस्ट में करीब २७,००० कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन सभी की मेडिकल जांच की गई, जिसमें से लगभग १,८०० कर्मी डायबिटीज से पीड़ित पाए गए। इनमें से बेस्ट के मधुमेह परावर्तन केंद्र में १,४५० कर्मियों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि २०० कर्मियों में से कई का तीन महीने, कई का छह महीने, कई का नौ महीनों और कई का एक साल से अधिक समय से डायबिटीज की दवा एकदम से बंद कर दी गई है। यह इसलिए संभव हो पाया है कि क्योंकि इन कर्मचारियों ने न केवल अपने लाइफ स्टाइल को बदला, बल्कि हेल्दी डाइट भी शुरू कर दी। फिलहाल दवा बंद करने के बाद भी इन सभी पर निगरानी रखी जा रही है।

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