लहर लहर लहराए तिरंगा, लाल किला पर शान से
गर्व हमे है अपने भारत के संविधान से
लोकतंत्र की मजबूती का गुर मेरे मतदान से
तभी तहलका मचा विश्व मे मेरे हिंदुस्थान से
ललहाते खेती हरियाली मेरे मेहनत कश किसान से
सीमा अचुक सुरक्षित बना है वीर सैन्य जवान से
लहर लहर लहराए तिरंगा लाल किला पर शान से
चलो करें मतदान आज हम, छीने जात-पात इंसान से
स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का मजबूती अभिमान से
सर्व धर्म सम भाव रहेगा मानवता के जान से
पूज्य धरा यह माता मेरी वर्षों की पहचान से
त्याग, तपस्या, देश- प्रेम का जड़ मेरे ईमान से
सोने की चिड़िया है भैया, राजा सब रेगिस्तान से
राम-कृष्ण, बुद्ध, महाकाल की भक्ति बड़ी जहान से
महाराणा, शिवाजी, गुरुगोबिंद, अशोक,
विक्रमादित्य का परचम दिव्य निशान से
वीर बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, लक्ष्मी बाई,
वीर कुंवर सिंह को जानें संग्रामी पहचान से
भगत-सुखदेव-राजगुरू, मंगल पांडेय ने
फांसी चूमा देशी स्वाभिमान से
ये दुनिया भी चमक रही है मेरे ही विज्ञान से
जाति बंधन तोड़ दो सारे अपने ज्ञान-संज्ञान से
संविधान को आत्मसात् कर अब तो दिखो महान से
चलो चलें मतदान करें, चढ़े लोकतंत्र परवान से
लहर लहर लहराए तिरंगा लाल किला पर शान से!!
-आचार्य संजय सिंह `चंदन’