अरुण गुप्ता
एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर चल रहा है, वहीं इस बार विभिन्न पेशों से जुड़े लोग भी चुनावी मैदान में उतरे हैं। इसी तरह के लोगों के चुनावी मैदान में उतरने के कारण इस बार गाजीपुर लोकसभा सीट का चुनाव कई मायने में रोचक हो गया है। इस चुनाव में चना बेचने वाले से लेकर दाढ़ी-बाल बनाने वाले अपना भाग्य आजमा रहे हैं। सभी प्रत्याशी अपनी जीत के लिए पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अंधऊ निवासी ज्ञानचंद्र बिंद चुनावी मैदान में हैं। वे कहते हैं कि मैं गुजरात से लेकर गोरखपुर तक घूम-घूम कर चना बेचता हूं। जरूरत पड़ने पर मजदूरी भी कर लेता हूं। बदले में रोजाना ५०० से १,००० रुपए मिल जाते हैं। वो इस बार होली पर घर आए थे। चुनाव लड़ने की इच्छा मन में जागी और उतर गए चुनावी मैदान में। वे जीतकर कुछ करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने नामांकन भी कर दिया है। पदुमपुर भैगर राम निवासी राम प्रवेश भी चुनाव लड़ रहे हैं। ये सैलून चलाते हैं। ३९ वर्षीय राम प्रवेश बताते हैं कि उनके साथ सैलून पर एक कारीगर भी काम करता है। इस समय वो सैलून केवल रविवार को एक घंटे के लिए खोल रहे हैं, जबकि बाकी समय प्रचार कर रहे हैं। आदित्य श्रीवास्तव भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वो आजमगढ़ जिले के खरिहानी गांव के निवासी हैं। २०१९ में स्नातक (बीए) तक पढ़ाई करने वाले आदित्य श्रीवास्तव खेती और पशुपालन करते हैं। इनके पास चार गायें हैं। वे कहते हैं कि अब वे राजनीति में सक्रिय हुए हैं। इस समय गाजीपुर में ही रहकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ग्राम सराय पीर मोहम्मद पोस्ट-चौकिया निवासी सत्यदेव यादव निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। वो कहते हैं कि २८ बार चुनाव लड़ चुके हैं। वो बसपा और भाजपा में भी शामिल रहे हैं, तीन बार ग्राम प्रधान चुने गए हैं। वो हर बार विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव लड़ते हैं। यह अलग बात है कि जमानत तक नहीं बचा पाते हैं। विभिन्न पेशों से जुड़े लोग चुनावी मैदान में उतरकर जीत हासिल कर पाएं या नहीं, लेकिन लोगों के बीच जरूर चर्चा के विषय बने हुए हैं।
ओमप्रकाश राजभर का नया शिगूफा
अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बड़बोले नेता सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक नया शिगूफा छोड़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि अब मोदी ऐसी योजना ला रहे हैं, जिसमें गरीबों को बिजली बिल नहीं देना होगा। इसी बीच सभा में उपस्थित लोगों में से आवाज उठी कि पहले तो उत्तर प्रदेश में बिजली की सुचारु पक्की की जाए। इसके बाद बिजली बिल के बारे में बात हो, इतना सुनते ही ओमप्रकाश राजभर के चेहरे पर खामोशी छा गई, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने फिर मोदी की माला जपते हुए कहा कि मोदी ने तय किया है कि रोजगारपरक शिक्षा लागू करके लोगों को उनके घर और नजदीकी बाजार में दुकान और व्यवसाय खोलने का अवसर देंगे। यह बातें उन्होंने जौनपुर के नौली में आयोजित जनसभा में कहीं। उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि राहुल और अखिलेश बच्चा हैं हम उनके चच्चा हैं। नई शिक्षा नीति में रोजगारपरक शिक्षा लागू होगी। तकनीकी शिक्षा लागू करने के लिए हम आपसे आपका वोट मांग रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर के बयान के बाद लोग अब यही कर रहे हैं कि इस बड़बोले नेता की बातों पर कैसे भरोसा किया जाए?
कुर्मी वोट को लेकर जंग
अपना दल संस्थापक स्व. सोनेलाल पटेल की बड़ी बेटी पल्लवी पटेल और छोटी अनुप्रिया पटेल के बीच पड़ी दरार जगजाहिर है। कौशांबी संसदीय सीट पर अपना दल के कोर वोट को लेकर दोनों सगी बहनें आमने-सामने आ गई हैं। पीडीए संयोजक व सिराथू विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने तो खुद अपना प्रत्याशी उतारकर जिले में डेरा डाल दिया है, जबकि उनकी छोटी बहन अपना दल (एस) की नेता व केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल एनडीए गठबंधन प्रत्याशी विनोद सोनकर के समर्थन में चुनावी सभा संबोधित करने आईं। जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर एक लाख से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं। यह बिरादरी अपना दल के कोर वोटरों में गिनी जाती है। दोनों बहनों की इस पर निगाह है। इसी के चलते वर्ष २०२२ के विधानसभा चुनाव में अपना दल (कमेरावादी) की वरिष्ठ नेता पल्लवी ने खुद सपा के टिकट से चुनाव लड़ा था और विधायक बनने में कामयाब हुई थीं। वहीं भाजपा-एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी केशव के समर्थन में अनुप्रिया ने कई जनसभाएं कर बड़ी बहन की मंच से मुखालफत भी की थी। इसके बावजूद बिरादरी के ९० फीसदी लोगों ने अनुप्रिया को दरकिनार कर पल्लवी का साथ दिया था। इससे उत्साहित पल्लवी ने लोकसभा चुनाव में सपा से अलग होकर अपनी राहें जुदा कर लीं। उन्होंने अपनी पार्टी अपना दल (कमेरावादी) व असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से मिलकर पीडीएम (पिछड़ा-दलित-मुस्लिम) गठबंधन बना लिया है। पीडीएम संयोजक पल्लवी ने कौशांबी संसदीय क्षेत्र में पीडीएम गठबंधन से अद (कमेरावादी) का प्रत्याशी उतार दिया। वहीं दूसरी तरफ पल्लवी की छोटी बहन अनुप्रिया पटेल भी उनके विस क्षेत्र सिराथू के कल्यानपुर में भाजपा-एनडीए गठबंधन उम्मीदवार विनोद सोनकर के समर्थन में चुनावी सभा संबोधित कर कुर्मी मतों को पक्ष में लाने की कोशिश की। अब चुनावी नतीजे बताएंगे कि कोर वोट किसके साथ है?