-`१,१०० करोड़ की बरामदगी के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पांचवें चरण के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के १३ निर्वाचन क्षेत्रों सहित देश भर के ४९ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया होगी। इसमें महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित कई राज्यों में चुनाव होना है। चुनाव के दौरान शराब, ज्यादा नगदी, ड्रग्स आदि प्रतिबंधित व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देनेवाले सामग्रियों को प्रत्याशियों द्वारा खूब जमकर इस्तेमाल किया जाता है। चुनाव आयोग ने भी कई ठिकानों पर कार्रवाई की। चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान करीब ९ हजार करोड़ रुपए की प्रतिबंधित सामग्री जब्त की है। पिछले चुनाव की तुलना में इस साल जब्त किए गए प्रतिबंधित सामग्रियां ढाई गुना बढ़ गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले गुजरात में हुए हैं। गुजरात में १,४६१ करोड़ रुपए की शराब, ड्रग्स, नकदी जप्त की गई है तो वहीं राजस्थान में १,१०० करोड़ की बरामदगी हुई है। इस मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। आश्चर्य है कि जिस राज्य में भाजपा सरकार हैं वहां ऐसे मामले अधिक हुए हैं। ऐसे में यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि चुनावी भ्रष्टाचार में भाजपा नंबर वन पर है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अब तक ८ हजार ८८९ करोड़ रुपए का प्रतिबंधित सामान जप्त किया जा चुका है। इसमें से ४५ प्रतिशत नशीले पदार्थ हैं, २३ प्रतिशत मुफ्त वस्तुएं हैं और १४ प्रतिशत अन्य मूल्यवान वस्तुएं हैं। विभिन्न जांच एजेंसियों ने देश भर से ८४९ करोड़ रुपए की नकदी और ८१५ करोड़ रुपए की ५.४ करोड़ लीटर शराब जब्त की है। चुनाव की घोषणा के बाद से पिछले दो महीनों में आंकड़े सामने आए हैं कि देशभर से विभिन्न एजेंसियों द्वारा नकदी, शराब, ड्रग्स और कीमती सामान जब्त किए गए हैं। इस सूची में गुजरात पहले और राजस्थान दूसरे स्थान पर है। गुजरात में नकदी, ड्रग्स, शराब जैसे कुल १४६१.७३ करोड़ रुपए का सामान जब्त किया गया है। जबकि राजस्थान दूसरे नंबर पर हैं। यहां भाजपा की सरकारें हैं।
गंदा है पर `भाजपा राज’ में सब चलता है
चुनाव के दौरान शराब, नगदी पैसे, ड्रग्स आदि सामग्री बांटकर प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने काम करते हैं। इसे लेकर एक तरफ जहां प्रत्याशियों में बांटने की होड़ रहती है तो वहीं कुछ मतदाताओं में भी इसे पाने को लेकर लालच देखा गया है। हालांकि, इस मामले को लेकर बार-बार चुनाव आयोग लोगों से अपील करता है कि मतदाता इससे दूरी बनाए रखें, तो प्रत्याशी ऐसे कामों में शामिल न हो, लेकिन उसके बावजूद जीत के लिए यह भ्रष्टाचार तेजी किया जा रहा है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र, जहां पर भी भाजपा नेतृत्व की सरकार है वहां पर ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।