यूनियन ने सीएम को लिखा पत्र
सामना संवाददाता / मुंबई
३५ लाख की औसत दैनिक सवारियों के साथ ‘बेस्ट’ मुंबई के पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि, बेस्ट जिसे लोकल ट्रेनों के बाद मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है वह अपने यात्रियों के लिए उचित बसों की संख्या बनाए रखना में असफल है। बेस्ट वर्कर्स यूनियन ने सीएम एकनाथ शिंदे को पत्र लिख कर कम हो रही बेस्ट बसों की संख्या बनाए रखने की मांग की है। बेस्ट की स्थिति बहुत दयनीय चल रही है, बसों की दिन-प्रतिदिन घटती संख्या चिंता का विषय बना हुआ है। नतीजतन, यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें बस स्टॉप पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।
कम होती बसों की संख्या
दिसंबर २०१२ में बसों की संख्या ४,६५७ थी, जो अब घटकर लगभग ३,०५१ रह गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, संख्या में कटौती के पीछे मूल कारण नई बसों की आपूर्ति में देरी और पुरानी बसों को लाइफ पूरी होने के कारण उन्हें स्व्रैâप करना पड़ रहा है। औसतन हर महीने लगभग १२ पुरानी बसें हटा दी जा रही हैं, जबकि नई बसें अभी तक इस कमी को पूरा नहीं कर पाई हैं।
एसी डबल डेकर
बसों की स्थिति गंभीर
एसी डबल डेकर के लिए स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। ऐसे ९०० मॉडलों की खरीद के कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई थी, लेकिन बेस्ट को केवल ५० बसों की आपूर्ति की गई है। इसी तरह २,१०० सिंगल-डेकर एसी बसों में से केवल २५ज्ञ् बसें बहुत देरी के बाद प्राप्त हुई हैं। बसों की संख्या कम होने से सेवा में कमी हो गई है, जिससे बस स्टॉप पर यात्रियों को निराशाजनक रूप से लंबा इंतजार करना पड़ता है।
बढ़ गया है वेट लीज मॉडल
बसों की कमी के संकट के प्रभाव को कम करने के लिए बेस्ट ने वेट लीज मॉडल की ओर रुख किया है। इस व्यवस्था के तहत निजी एजेंसियां वाहन और ड्राइवर प्रदान करती हैं और र्इंधन खर्च को भी कवर करती हैं, जबकि बेस्ट वेट लीज में टिकटों की बिक्री से राजस्व प्राप्त होता है। मौजूदा समय में ६५ फीसदी बसें वेट लीज पर हैं, जो यह दर्शाता है कि आने वाले समय में बेस्ट का पूरा झुकाव आउटसोर्सिंग की तरफ होगा। हालांकि, बेस्ट के खुद की बसों में सालों से गिरावट आते जा रही है।
वेट लीज मॉडल बेस्ट के खुद के बसों की कमी का समाधान नहीं है। लेकिन बेस्ट पूरी तरह से वेट लीज सर्विस पर निर्भर होते नजर आ रहा है। अधिकारियों ने २०२४ की शुरुआत में ७,००० और २०२६ तक १०,००० बसों की संख्या पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन मौजूदा स्थति से यह लगता है की इन बसों की संख्या इतना होना काफी मुश्किल भरा है।
बसों की घटती संख्या
पिछले कुछ सालों में बेस्ट बसों की संख्या ४,६५७ से घटकर ३,०५१ रह गई है, जिससे मुंबई में सार्वजनिक परिवहन के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।