सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में लोकसभा चुनाव के पांचवें और आखिरी चरण में मुंबई समेत १३ लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ। अब तक के सभी चरणों के कुल वोटिंग प्रतिशत पर नजर डालें तो पांचवें चरण में सबसे कम वोटिंग हुई है। खासकर मुंबई की कई सीटों पर भारी गड़बड़ी देखने को मिली। कहीं बोगस वोटिंग तो कहीं मतदाता सूची में नाम नहीं होने से लाखों मतदाताओं ने आक्रोश व्यक्त किया है। कई कारणों से मतदान प्रक्रिया भी काफी धीमी गति से हुई। नतीजन मतदान केंद्रों के बाहर कतारें लगी हुई थीं। मतदान प्रक्रिया में धांधली और जान-बूझकर गड़बड़ियां किए जाने से खफा होकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपना गुस्सा व्यक्त किया और कहा कि वे इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे। जिसके बाद प्रदेश की शिंदे सरकार आरोपों के घेरे में आ गई है। अब असंवैधानिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पांचवें चरण की मतदान प्रक्रिया के दौरान मुंबई सहित विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में कई मतदान केंद्रों पर अफरा-तफरी मच गई थी। कई जगह वोटिंग मशीन घंटों बंद रहीं, शिकायत के बाद उन्हें बदला तो गया, लेकिन वहां वोटिंग घंटों तक शुरू नहीं की गई। कई जगह मतदान करानेवाले स्टाफ एक साथ लंच करने चले गए। ऐसी तमाम लापरवाही के मामले सामने आए, जिसे लेकर प्रशासन पर उंगलियां उठने लगी हैं। मतदान के दिन प्रशासन की इस लापरवाही को शिंदे सरकार ने गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सोमवार को मुंबई की ६ सीटों पर मतदान हुआ था। तो वहीं भिवंडी, ठाणे, कल्याण और पालघर लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग हुई। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि मुंबई समेत कुछ सीटों पर धीमी गति से वोटिंग हुई।
मतदान में देरी से हुई असुविधा
बता दें कि २० मई को प्रदेश की १३ लोकसभा क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर मतदान में देरी के कारण कई असुविधा हुई, धूप में घंटों खड़े रहने से बीमार हुए कई लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अब इन सभी मामलों की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के मुख्य सचिव नितिन करीर को ऐसे आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि मुख्य सचिव इस मामले की तत्काल उच्चस्तरीय जांच कराएं, जबकि मुंबई में मतदाता सूची की गड़बड़ी और गड़बड़ी की जांच के लिए एक विशेष समिति नियुक्त की जा सकती है।