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झांकी: ईवीएम तोड़ने में फंसा विधायक, पूर्वांचल में खेला, चीतों का जायजा

अजय भट्टाचार्य

ईवीएम तोड़ने में फंसा विधायक

आंध्र प्रदेश के विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी के खिलाफ ईवीएम में तोड़-फोड़ के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक से जुड़ी कथित घटना का एक वीडियो सामने आया है, जो कथित तौर पर १३ मई को हुआ था और चुनाव निकाय ने कहा कि उन्होंने वीडियो को राज्य पुलिस को सौंप दिया है, साथ ही उनसे जांच में सहायता करने को कहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मछरला विधानसभा क्षेत्र में पुलिस चौकी संख्या २०२ और ७ मतदान केंद्रों में ईवीएम में तोड़-फोड़ की घटना में मौजूदा विधायक पी रामकृष्ण रेड्डी को वेब वैâमरे पर रिकॉर्ड किया गया। पलनाडु जिला चुनाव अधिकारियों ने तोड़-फोड़ की घटना से संबंधित मामले की जांच में सहायता के लिए ऐसे सभी मतदान केंद्रों की वीडियो फुटेज पुलिस को सौंप दी है। चुनाव आयोग ने राज्य पुलिस मुखिया को इन घटनाओं में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। लोकेश ने लिखा, `वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने न केवल अपने चाचा को, बल्कि उनके लिए वोट करने वाले लोगों को भी मार डाला और आखिरकार लोकतंत्र को भी मार डाला। आंध्र प्रदेश ने १३ मई को एक ही चरण में अपने सांसदों और विधायकों को चुनने के लिए मतदान किया था। मतदान के बाद राज्य में व्यापक हिंसा देखी गई।

पूर्वांचल में खेला

कल २५ मई को छठे चरण का मतदान होना है और इससे ठीक पहले उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल में बड़ा खेल हो गया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) ने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का पैâसला कर लिया है। राजा भैया के इस कदम को सपा के लिए संजीवनी की तरह देखा जा रहा है, जबकि इससे भाजपा टेंशन में आ गई है। इससे प्रतापगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता की समस्या बढ़ गई है। प्रतापगढ़ पर राजा भैया का अच्छा-खासा प्रभाव है। पहले राजा भैया ने इस लोकसभा चुनाव में किसी भी दल का समर्थन न करने और तटस्थ रहने की बात कही थी। लेकिन अब उन्होंने सपा को समर्थन देने का एलान कर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज कर दी है। राजा भैया के इस कदम के पीछे केंद्रीय मंत्री और अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल का बयान माना जा रहा है। अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ में एक चुनाव सभा में कहा था कि अब ‘राजा रानियों के गर्भ से पैदा नहीं होते, बल्कि ईवीएम से पैदा होते हैं,’ जाहिर तौर पर उनका इशारा राजा भैया की ओर था, जो एक राजघराने के वंशज हैं। राजा भैया ने भी पलटवार करते हुए कहा कि अब `राजा रानियों के गर्भ से पैदा नहीं होते, बल्कि ईवीएम से पैदा होते हैं। राजा भैया १९९३ से राज्य विधानसभा में कुंडा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रतापगढ़, कौशांबी, मिर्जापुर और प्रयागराज जिलों में अपने समुदाय (क्षत्रिय) के मतदाताओं पर काफी प्रभाव रखते है। राजा भैया के चुनावी महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बंगलुरु में उनसे मुलाकात की थी और मौजूदा लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांगा था। राजा भैया ने हालांकि संकेत दिया था कि वह चुनाव में तटस्थ रहेंगे। राजा भैया की पार्टी के नेताओं के मुताबिक, पटेल की टिप्पणी ने ‘क्षत्रिय’ समुदाय की भावनाओं को ‘आहत’ किया है और समुदाय लोकसभा चुनावों में उन्हें ‘अच्छा सबक सिखाएगा’।

चीतों का जायजा

पिछले महीने के अंत में दक्षिण अप्रâीका के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत का दौरा किया और प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण के हिस्से के रूप में चीतों को लाने की तैयारियों का आकलन करने के लिए मध्य प्रदेश में गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य का दौरा किया। अभयारण्य में बाड़ों के लिए बाड़ लगाने और शिकार आधार वृद्धि का मूल्यांकन करने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने अनंत अंबानी द्वारा चलाए जा रहे वंतारा पशु बचाव सुविधा का दौरा करने के लिए जामनगर, गुजरात की यात्रा की। यह पता चला है कि दक्षिण अप्रâीकी लोग इस सुविधा को देखने के इच्छुक थे, विशेषकर उनके देश से आयातित जानवरों के रख रखाव को देखने के लिए। अब उन्हें यह दिखा कि नहीं कि उनके देश से लाए गए कई चीते दम तोड़ चुके हैं।

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