अरुण कुमार गुप्ता
पूर्वांचल की आजमगढ़ लोकसभा सीट काफी हॉट मानी जा रही है। यहां दो यादवों के बीच टक्कर है। समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी फिल्मों के कलाकार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को टिकट दिया है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन निरहुआ ने लोगों को आकर्षित करने के लिए फिल्मी स्टारों को मैदान में उतारा। निरहुआ के प्रचार के लिए हुए रोड शो में अभिनेत्री आम्रपाली दुबे, अक्षरा सिंह, अभिनेता रितेश पांडे, अरविंद अकेला के अलावा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव शामिल हुर्इं। रोड शो सिंधारी से नरौली, गिरजाघर, शारदा चौराहा, रायपुर, अलवल, काली चौराहा, कालीनगंज, दलाल घाट, बाज बहादुर, हर्रा की चुंगी, बलरामपुर होते हुए हाफिजपुर चौराहे तक पहुंचा, लेकिन यहां रोड शो में सितारों के जमघट और अपर्णा यादव की मौजूदगी का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। आजमगढ़ सैफई परिवार का गढ़ है, गढ़ ही रहेगा, इस तरह की बातें सुनने को मिली। ऐसे में दो यादवों के बीच की टक्कर का परिणाम क्या होगा यह तो नतीजे के बाद मालूम पड़ेगा, लेकिन यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि निरहुआ द्वारा प्रचार में उतारे गए फिल्मी कलाकार लोगों को कितना आकर्षित करते हैं और वोट में तब्दील कर पाते हैं या फिर केवल शो पीस साबित होते हैं।
दो वंशजों की लड़ाई
इलाहाबाद लोकसभा सीट की बात करें तो यहां लड़ाई दो वंशजों के बीच है। भाजपा के नीरज त्रिपाठी और कांग्रेस के उज्ज्वल रमण सिंह के बीच। नीरज त्रिपाठी राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के बेटे हैं, जिनका पिछले साल निधन हो गया था, जबकि उज्ज्वल के पिता रेवती रमण सिंह हैं, जिन्होंने २००४ और २०१४ के बीच लोकसभा में इलाहाबाद का प्रतिनिधित्व किया। जबकि तीसरे प्रत्याशी बसपा के रमेश कुमार पटेल हैं। बीजेपी उम्मीदवार नीरज का प्लस प्वॉइंट उनके पिता की विरासत और आरएसएस की संगठनात्मक ताकत है, लेकिन उनके लिए सबसे माइनस प्वॉइंट यह है कि इससे पहले उन्हें कभी क्षेत्र के आस-पास नहीं देखा गया था। दूसरी ओर उज्जवल तीन बार विधायक और मुलायम सिंह यादव सरकार में पूर्व मंत्री होने के कारण एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। इलाहाबाद लोकसभा सीट मौजूदा सांसद बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी हैं। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा आती हैं, जिनमें से चार (इलाहाबाद दक्षिण, करछना, कोरांव और बारा) पर बीजेपी का कब्जा है। पांचवीं विधानसभा मेजा पर सपा का कब्जा है। यहां अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और कांग्रेस के दोनों ही प्रत्याशी वंशज से जुड़े हैं, लेकिन इन वंशजों की लड़ाई में कौन बाजी मारेगा यह तो भविष्य बताएगा।
स्टार प्रचारकों की दौड़
घोसी लोकसभा सीट पर सातवें चरण में १ जून को मतदान होना है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इस सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक होता जा रहा है, साथ ही सपा बसपा और भाजपा के स्टार प्रचारक यहां दौड़ लगा रहे हैं। इस सीट पर प्रदेश के वैâबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान व एके शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यदि यहां पर एनडीए प्रत्याशी सुभासपा के अरविंद राजभर विजयी रहे तो इसका श्रेय सभी लेना चाहेंगे, लेकिन अगर हार हुई तो इसका ठीकरा इन्हीं तीनों पर फूटेगा। यहां पर सपा के राजीव राय, सुभासपा के अरविंद राजभर व बसपा के प्रत्याशी पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बसपा से पूर्व सांसद रहे बालकृष्ण चौहान कांग्रेस से ऐन वक्त पर इस्तीफा देकर सांसद बनने की दौड़ में हैं। चुनाव में महज एक सप्ताह का समय शेष है, ऐसे में सभी दलों के नेताओं व स्टार प्रचारकों का आगमन जारी है। बसपा उम्मीदवार पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान के समर्थन में खुद बसपा की मुखिया मायावती मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा में जनसभा कर कार्यकर्ताओं में जोश भर चुकी हैं। कुल मिलाकर, जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो आनेवाला समय ही बताएगा, लेकिन घोसी सीट पर मंत्रियों की लगी प्रतिष्ठा भी मतदाताओं की नजर में रहेगी।