ठाणे
मुंबई के पूर्वी-उपनगर में आने वाले इलाके बैगनवाड़ी में साफ-सफाई नहीं हो रही है। मनपा के उदासीन रवैए से यहां रहनेवाले लोगों को मजबूरी में गंदगी व बदबू के बीच जीवन यापन करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मानसून सिर पर है, लेकिन अभी तक नालियों की सफाई नहीं हो पाई है। तेज बारिश में नालियों का पानी घरोें में आता है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर आफताब आलम अंसारी द्वारा इस मुद्दे को सामने लाया गया है।
बीमारी बढ़ने की संभावना
अंसारी ने बताया कि मानसून काफी करीब है और पूरे शहर में नालों व गटरों की सफाई के काम ७० प्रतिशत पूरा हो जाने की बात कहकर मनपा अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रही है, लेकिन इस क्षेत्र की हालत देखा जाए तो यहां की स्थिति कुछ और ही नजर आती है। स्लम इलाकों में हालात और भी दयनीय बनी हुई है। खासकर, गोवंडी जैसे स्लम इलाके में बने गटर की साफ-सफाई केवल दिखावे के तौर पर की जा रही है। छोटी नालियों में कचरे का अंबार लगा हुआ है, जिसकी वजह से मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। इससे डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ने की संभावना भी बढ़ गई है।
घर में घुस रहे नालियों के कीड़े
गंदगी को लेकर स्थानीय लोगों ने मनपा अधिकारियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैया से कुछ भी नहीं हुआ, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी संपर्क करने पर कुछ हल नहीं निकल पाया। स्थानीय महिला अंजुम शेख ने बताया कि छोटी नालियों की सफाई न होने की वजह से काफी परेशानी हो रही है। नालियों में कचरों की वजह से कीड़े पैदा होते हैं जो उनके घरों में प्रवेश कर रहे हैं। मानसून के मौसम से पहले ही जानलेवा बीमारियों का खतरा बना हुआ है।
लोगों को बारिश से लगता है डर
आफताब आलम का कहना है कि पिछले वर्ष मानसून से पहले मनपा ने नालों व गटरों की सफाई की बड़ी-बड़ी बातें कहीं थींr, लेकिन तेज बारिश के दौरान ही मनपा के नाला सफाई अभियान की पोल खोल खुल गई। इस बार सफाई को लेकर जिस तरह का रवैया मनपा अपना रही है, उससे आने वाले दिन कितने मुसीबत से भरे होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
मनपा नहीं उठा रही कोई कदम
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदगी की वजह से न केवल बच्चे बल्कि बुजुर्ग भी बीमार हो रहे हैं। हर दिन इस इलाके से कई लोग डेंगू, मलेरिया, टायफाइड जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं। लोगों का आधा पैसा केवल इलाज कराने में भी खर्च हो जाता है। इसके बावजूद मनपा कोई कदम नहीं उठा रही है।