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जेल से उतरेगा शराब का हैंगओवर! स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के फूड वैज्ञानिक बनाई अनोखी जेल

शराब की लत लगने से कई परिवार उजड़ जाते हैं। शराब पीने वालों को तमाम बीमारियां हो जाती हैं। कभी-कभी शराब ज्यादा पी लेने के बाद सोकर सुबह उठने पर सिर में भारीपन, दर्द या सिर घूमने जैसा एहसास होता है, जिसे हैंगओवर कहते हैं। अब ये हैंगओवर लोगों को परेशान नहीं करेगा। शराब का नशा ज्यादा समय तक सिर चढ़कर नहीं बोलेगा। दरअसल, स्टैनफोर्ड के फूड वैज्ञानिक ने एक जेल बनाई है, जो शराब के नशे को एक झटके में उतार देगी और सेफ भी रखेगी। आयरन एटम और मिल्क प्रोटीन बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन के कॉम्बिनेशन से बन रही ये जेल डाइजेशन सिस्टम में अल्कोहल से टकराकर इथेनॉल को एसीटेट में बदल देगा, जिससे नशा छूमंतर हो जाएगा।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर साल शराब की वजह से करीब ३० लाख लोगों की मौत हो रही है। दरअसल, ज्यादातर शराब पेट और आंतों की म्यूकस मेंबरेन लेयर से होते हुए ब्लड सर्वुâलेशन तक पहुंच जाता है। शराब की थोड़ी सी मात्रा भी फोकस बिगाड़कर रख देती है, जिससे कई तरह के खतरे बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि रोजाना शराब पीना हानिकारक माना जाता है। इससे लीवर की बीमारियां, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की सूजन और वैंâसर का खतरा है।

ऐसे करेगी काम

हमारा शरीर खुद ही अल्कोहल को तोड़ देता है, जिसके बाद इससे बाय-प्रोडक्ट एसीटैल्डिहाइड का प्रोडक्शन होने लगता है, जो नशा यानी हैंगओवर करता है। एसीटैल्डिहाइड लीवर के लिए भी खतरनाक होता है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के बायोकेमिस्ट डुओ जू का कहना है कि नया जेल अल्कोहल को सीधे एसीटेट में बदलने का काम करेगा यानी बीम में ही टॉक्सिक चीजें नहीं बन पाएगी। यह हाइड्रोजेल-बेस्ड नैनो-लीवर जैसा ही काम करता है।

जेल के फायदे

ईटीएच ज्यूरिख में फूड एंड सॉफ्ट मैटेरियल्स लैबोरेटरी के प्रोफेसर राफेल मेजेंगा के अनुसार, जेल अल्कोहल के टूटने को लीवर से पाचन तंत्र में भेज देता है। इससे अल्कोहल लीवर में पच जाती है, जिससे इंटरमीडिएट प्रोडक्ट के तौर पर एसीटैल्डिहाइड नहीं बनता है, जो जहरीला होता है और ज्यादा शराब पीने से होने वाली समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है। इसी नुकसान से बचने के लिए शराब पीने के पहले या बाद में इस जेल को खाया जा सकता है। जेल तभी तक असरदार होगा, जब तक अल्कोहल जेस्ट्रोइंस्टेस्टिनल ट्रैक्ट में मौजूद होगा। इसका मतलब जब शराब खून में आएगी तो उसकी पॉइजनिंग कम करने में मदद मिल सकती है। शराब न छोड़ पाने वालों के लिए यह जेल फायदेमंद हो सकती है।

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