सामना संवाददाता / मुंबई
घाटकोपर में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पदाधिकारियों ने मुंबई मनपा और एक भाजपा नेता के उस दावे पर सवाल उठाया, जिसमें कहा गया है कि मुंबई में मानसून के मद्देनजर शत-प्रतिशत नालों की सफाई कर दी गई है। शिवसेना के स्थानीय पदाधिकारियों ने जब मनपा के ‘एन’ विभाग के अधिकारियों को विद्याविहार के सोमैया नाले में जमा कूड़े और कीचड़ का ढेर दिखाया, तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और नाले की गंभीर स्थिति को देखते हुए कल से इसकी सफाई शुरू कर दी गई है। बरसात के दौरान शहरवासियों की जान से खिलवाड़ करनेवाले हादसों को रोकने के लिए शिवसेना ने जिस तरह से सतर्कता दिखाई, उसे लेकर स्थानीय नागरिकों ने हृदय से आभार प्रकट किया।
मुंबई में नालियों की ठीक से सफाई नहीं की जाती और अगर इस दौरान भारी बारिश हो जाती है, तो बंद नालियों का पानी नालियों के बगल में रहने वाले निवासियों के घरों में घुसने का खतरा होता है। नालियों की ठीक से सफाई न होने पर बीमारी का भी खतरा रहता है। फिलहाल इस साल मनपा ने दावा किया था कि मुंबई के सभी नालों की सौ फीसदी सफाई हो चुकी है, लेकिन विद्याविहार-पूर्व के मोहननगर में सोमैया नाला पूरी तरह से भरा हुआ है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विभागप्रमुख सुरेश पाटील, उपविभागप्रमुख चंद्रपाल चंदेलिया, पूर्व उपविभागप्रमुख प्रकाश वाणी, सहसमन्वयक प्रसाद कामतेकर, विलास लिगाडे, कांग्रेस पार्टी के कमलेश कपासी, सचिन भांगे, चंद्रकांत हलदनकर सहित शिवसैनिकों ने कहा कि मनपा से मांग की थी कि इस नाले की सफाई कराकर स्थानीय लोगों को मनपा राहत देने का कार्य करे।
सोमैया नाले की यदि सफाई नहीं की गई तो चितरंजन कॉलोनी, एमआईजी कॉलोनी, शास्त्री नगर, जवाहर नगर, मोहननगर, राजावाड़ी सीबीसी म्यूनिसिपल स्कूल, राजावाड़ी अस्पताल, सोमैया कॉलेज इलाकों में जलभराव का खतरा बना रहता। नाले में पहले से ही कूड़ा भरा होने के कारण दीवार भी नाले में गिर गई थी इसलिए शिवसेना ने इस नाले की तुरंत सफाई की मांग की थी। नालों की सफाई होने से क्षेत्र के हजारों निवासियों की जान का खतरा टल गया है।