मुख्यपृष्ठनए समाचारराज्य का ७५ प्रतिशत हिस्सा गंभीर सूखे की चपेट में!

राज्य का ७५ प्रतिशत हिस्सा गंभीर सूखे की चपेट में!

-पानी के टैंकरों में भी भ्रष्टाचार

-कांग्रेस नेता करेंगे सूखाग्रस्त भागों का दौरा

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य में सूखे से आम लोगों की हालत बेहद खराब है। कई हिस्सों में १५ से २० दिनों से लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। राज्य का ७५ फीसदी हिस्सा भीषण सूखे की चपेट में है, जिससे राज्य की जनता सूखे से जूझ रही है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे छुट्टी पर चले गए हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी लोगों को न्याय दिलाने के लिए सूखा निगरानी दौरे पर जा रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह दौरा ३१ मई से शुरू होगा।
बुधवार को तिलक भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्प्रâेंस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने गठबंधन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में लोगों को पीने के पानी के साथ-साथ जानवरों के चारे के लिए गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी उदासीनता के कारण टैंकर माफिया लगातार सक्रिय हैं। सरकार कह रही है कि पानी के टैंकरों में जीपीएस लगा है लेकिन इसे हटाकर मोटरसाइकिलों पर लगाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार पानी टैंकर माफियाओं से पैसा वसूलती है? सरकार सूखा पीड़ितों की मदद करने के लिए आचार संहिता का बहाना बना रही है, लेकिन क्या टेंडर निकालने के लिए आचार संहिता लागू नहीं है।
एसआईटी जांच गुमराह करने का प्रयास
पटोले ने कहा कि राज्य सरकार पुणे पोर्श कार हादसे के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी कमेटी की जांच डॉ. पल्लवी सापले को दी गई है, लेकिन यह वही अधिकारी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। मिराज हॉस्पिटल में रहते हुए डॉ. सापले ने क्या-क्या कारनामे किए, यह सभी जानते हैं। ऐसा भ्रष्ट अधिकारी निष्पक्ष जांच कैसे कर सकता है? कांग्रेस इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है, क्योंकि इस मामले में डॉक्टरों, पुलिस और राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत है।

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