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गेमिंग जोन से ज्यादा खतरनाक हैं मुंबई के जानलेवा स्विमिंग पूल! …इस महीने वसई के पास दो दुर्घटनाओं में दो बच्चों की डूबकर मौत

महामुंबई क्षेत्र के कई रिसोर्ट्स में है सुरक्षा का अभाव
हर साल १० से १५ बच्चों की होती हैं मौतें
छुट्टियों के मौसम में लाखों छात्र रिसोर्ट में जाते हैं पिकनिक मनाने
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
राजकोट के गेमिंग जोन में हुए हादसे ने मुंबई के अभिभावकों को काफी सतर्क कर दिया है। अब वे छुट्टियों में अपने बच्चों को पिकनिक आदि पर भेजने से पहले सुरक्षा के बारे में जानकारी लेने लगे हैं। पता चला है कि गेमिंग जोन से ज्यादा खतरनाक मुंबई के जानलेवा स्विमिंग पूल हैं। इस महीने दो दुर्घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि जानकारी के मुताबिक सुरक्षा के अभाव में साल में १० से १५ बच्चों की पूल में डूबने से मौत हो जाती है। मुंबई महानगर क्षेत्र में स्थित रिसॉर्ट्स मालिकों द्वारा सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही है। एमएमआर क्षेत्र में १७० रिसॉर्ट्स में से लगभग ६५ फीसदी ही सेफ्टी का अनुपालन करते हैं, जबकि करीब ३५ फीसदी रिसॉर्ट्स नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।

खतरे में लाखों बच्चों की जान!
 ३५ फीसदी पिकनिक जोन में सुरक्षा मानकों का है अभाव

छुट्टियों के मौसम में बड़ी संख्या में बच्चे पिकनिक मनाने के लिए रिसोट्स व वॉटर पार्क आदि में जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एमएमआर क्षेत्र में कई रिसोर्ट्स में सुरक्षा मानकों का अभाव है। इनमें न तो अग्निरोधक सहित अन्य सुरक्षा उपाए हैं और न ही एंबुलेंस की सुविधा ही उपलब्ध कराई गई है। ऐसे में हर साल इनमें पिकनिक मनाने के लिए मुंबई शहर, उपनगरों व ठाणे के साथ ही अन्य शहरों से जानेवाले लाखों छात्रों की जान सांसत में रहती है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई, ठाणे, नई मुंबई, पालघर के स्कूलों में पढ़नेवाले छात्र पिकनिक मनाने के लिए इन रिसॉर्ट्स में आते हैं। इसी दौरान कई बार बच्चे दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इसी तरह का एक वाकया बुधवार को घटित हुआ। दादी के साथ भांडुप की ७ वर्षीय बच्ची वसई के एक रिसॉर्ट में गई थी। वहां स्विमिंग पूल में डूबने से बच्ची की मौत हो गई। एक अन्य घटना में इसी महीने वसई के एक अन्य रिसॉर्ट के स्विमिंग पूल में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में कई रिसॉर्ट और वॉटर पार्क हैं, जो विशेष रूप से गर्मियों के दौरान पिकनिक मनाने वालों को आकर्षित करते हैं।
मुंबई में करीब १४,००० शिक्षण संस्थान हैं। इनमें लाखों की संख्या में छात्र पढ़ते हैं। इन संस्थानों से हर साल लगभग ८ से १० लाख छात्रों को पिकनिक के लिए रिसॉर्ट्स में ले जाया जाता है।
इस बारे में एजुकेशनल टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत आंधलकर ने कहा कि पूरे एमएमआर क्षेत्र में १०० बड़े और ७० मध्यम से लेकर छोटे समेत कुल १७० रिसॉर्ट्स हैं। इनमें से २५ वॉटर और थीम पार्कनुमा विशाल रिसॉर्ट हैं, जहां सभी तरह की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही अन्य बड़े, मध्यम और छोटे रिसॉर्ट्स में से कुछ में सुरक्षा मानकों का अनुपालन होता है। कई ऐसे रिसार्ट हैं जो सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं। ऐसे में कई बार इसका खामियाजा छोटे बच्चों को उठाना पड़ता है। आंधलकर ने कहा कि मुंबई के ४० से ५०, ठाणे और पालघर में १५ से २० ऐसे गेम जोन बनाए गए हैं, जहां सुरक्षा मानकों और उपायों को दरकिनार किया गया है। अब एसोसिएशन ऐसी चीजों को गंभीरता से ले रहा है। असोसिएशन के प्रमुख ने कहा कि एमएमआर क्षेत्र के सभी रिसॉर्ट्स से पूछताछ के साथ ही उनकी जांच की जानी चाहिए। एसोसिएशन ने कई बार रिसॉर्ट मालिकों से सुरक्षा नीति के बारे में पूछा और उनसे आवश्यक दस्तावेज भी पार्क में प्रदर्शित करने का अनुरोध किया। लेकिन कुछ रिसॉर्ट्स और पार्कों को छोड़कर कोई भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि कई पार्कों में बीमा कवर नहीं रहता है। एबुंलेंस या मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में सुविधाएं नहीं होती हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उनका जबाव रहता है, वे केवल कॉल पर ही डॉक्टरों को बुलाते हैं। सुरक्षा अग्निशामक यंत्र, मेडिकल किट, लाइफ गार्ड प्रशिक्षित हैं या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं रहती है। खाद्य स्वच्छता बहुत खराब रहता है। ऐसे में रिसॉर्ट्स के रसोई की सफाई और भोजन के गुणवत्ता की जांच भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से सभी पार्क का ऑडिट कराने का अनुरोध कर रहे हैं।

 

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