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 शिंदे सरकार का वादा साबित हुआ चुनावी चूरन … तीन महीने बाद भी नहीं मिला कार्डधारकों को चना! … कागजों पर सिमटकर रह गई योजना

सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ दिन पहले ही शिंदे सरकार ने सस्ती दर पर अंत्योदय खाद्य योजना के लाभार्थियों और प्राथमिकता वाले परिवारों को प्रति महीने राशन कार्ड पर एक किलो चने के वितरण को मंजूरी दी थी। इस संबंध में जारी निर्णय तीन माह बाद भी कागज पर ही है और लाभार्थियों को अब तक चना का वितरण नहीं किया जा सका है। हालांकि, राशन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण इस फैसले पर अमल नहीं हो सका लेकिन राशन धारक लाभार्थी आज भी इस सरकारी चने के इंतजार में है कि उन्हें कब मिलेगा।
बता दें कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने ७ मार्च के एक आदेश में लाभार्थियों को रियायती दरों पर साबुत चना के वितरण को मंजूरी दी थी। इस आदेश के मुताबिक अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार के लाभार्थियों को ५५ रुपए प्रति किलो की दर से हर महीने एक किलो साबुत चना राशन कार्ड पर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार से अनुदानित दर पर प्राप्त ४८ हजार मीट्रिक टन चना अर्थात १६ हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह तीन माह के लिए चने के वितरण हेतु आवश्यक मांग दर्ज कर वितरण अवधि एवं जिलेवार आवंटन करने का सरकारी आदेश में उल्लेख है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराए जाने वाले चने को राशन की दुकानों तक पहुंचाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) को कुछ नियमों और शर्तों के साथ नियुक्त किया गया है। प्रशासन ने संबंधित राशन कार्यालय से कितने चने की जरूरत है इसकी जानकारी मांगी है। अगले दस दिनों में चना वितरण की मंजूरी के पैâसले के तीन महीने पूरे हो जाएंगे।
एफ परिमंडल में १,३०३ मीट्रिक टन चने की आवश्यकता
राशन विभाग के ठाणे उपनियंत्रक कार्यालय के अंतर्गत सर्कल एफ में अंत्योदय अन्न योजना के तहत राशन कार्डों की संख्या ११ हजार ११३ है, जबकि प्राथमिकता वाले परिवारों के राशन कार्डों की संख्या ६ लाख ७१ हजार ३२१ है, कुल ६ लाख ८२ हजार ४३४ राशन कार्ड हैं। तीन माह में इस मंडल में १ हजार ३०३ मीट्रिक टन साबुत चने की मांग दर्ज की गई है।

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