मेंटेनेंस खर्च में मोदी सरकार ने कर रखी है भारी कटौती
नतीजे में हो रही हैं रेल दुर्घटनाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
रेलवे में रोजाना यात्रा करनेवाले ढाई करोड़ लोगों की जान खतरे में है। दरअसल, आए दिन होनेवाली रेल दुर्घटनाओं के कारण ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है। कल रांची के पास चांडिल-मुरी रेलखंड पर नीलांचल एक्सप्रेस के ऊपर ओवरहेड वॉयर टूटकर गिर गया, जिससे कई यात्री झुलस गए और एक यात्री की मौत भी हो गई। जानकारों का कहना है कि दरअसल, मेंटेनेंस खर्च में मोदी सरकार ने भारी कटौती कर डाली है, जिसके नतीजे में आए दिन इस तरह की दुर्घटनाएं देखने को मिल रही हैं।
बता दें कि कुछ हफ्तों पहले मध्य रेल के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर एक लोकल डिरेल हो गई थी। ठीक करने के बाद यह ट्रायल के वक्त वापस डिरेल हो गई थी। पिछले साल का भयंकर बालासोर ट्रेन हादसा तो लोग अभी तक नहीं भूले हैं। इस बारे में एक रिटायर्ड जीएम ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दो तरह के बजट होते हैं। वैâपिटल और रेवेन्यू। वैâपिटल बजट से नई चीजें जैसे नए लोको खरीदना और ट्रैक बिछाना होता है। रेवेन्यू से रख-रखाव के लिए काम किया जाता है। अधिकतर रेवेन्यू का बजट कम होता है, पहले सेफ्टी खर्च भी रेवेन्यू में था लेकिन बाद में उसे अलग कर दिया गया। इसी तरह मोदी सरकार ने बजट एलोकेशन को कम कर दिया है, जिसकी वजह से रख-रखाव में दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा रख-रखाव के लिए सबसे जरूरी है मैनपॉवर जो अभी काफी कम है, जिसकी वजह से भी सही समय पर रख- रखाव में दिक्कतें आती हैं।