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 कश्मीर में सुरक्षाबलों की कब मिटेगी थकान…  चुनावों के बाद अब अमरनाथ यात्रा की बारी, फिर चुनावों की

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

प्रदेश में तैनात सुरक्षाबल अपनी ड्यूटी से हलाकान हो रहे हैं। पिछले तीन महीनों से वे लगातार दौड़धूप में शामिल हैं। आगे भी कोई आराम मिलने की उम्मीद नहीं है। तीन महीनों के दौरान उन्होंने चुनावों में ड्यूटी निभाई है तो अब इस महीने की 29 तारीख से दो माह तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा की सकुशलता की तैयारियों में डूब गए हैं। हालांकि, अमरनाथ यात्रा की समाप्ति के बाद विधानसभा चुनावों की तैयारियां आरंभ हो जाएंगी।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने के बाद भी स्टेट पुलिस राहत की सांस लेने की स्थिति में नहीं है। चुनाव संपन्न होने के बाद राज्य पुलिस के सामने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चुनौती बनकर खड़ी है और उसके बाद विधानसभा चुनावों की।
चुनाव संपन्न होने के साथ ही निचले स्तर के पुलिसकर्मियों ने राहत अवश्य महसूस की है, लेकिन विभाग के आला अधिकारियों को पता है कि आने वाले दिनों में उन्हें पूरी चौकसी बरतनी होगी। यही कारण है कि उच्च स्तर पर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर नीतियों पर चर्चा शुरू हो गई है। बताया जाता है कि चुनाव संपन्न होते ही शहर में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों ने लंबी छुट्टी की अर्जी दी थी, लेकिन उन्हें एक सप्ताह से अधिक छुट्टी नहीं दी गई।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगले सप्ताह जम्मू के डिविजनल कमिशनर अमरनाथ यात्रा को लेकर किए जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों को लेकर आला पुलिस अधिकारियों की बैठक लेने वाले हैं। पिछली बैठक में डिविजनल कमिश्नर ने पुलिस विभाग को भावी रणनीति व प्रबंध करने के निर्देश दिए थे और अगली बैठक में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को लेकर राज्य पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त बैठक होगी।
जम्मू के आईजी भी मानते हैं कि राज्य पुलिस के लिए फिलहाल राहत की सांस लेने का समय नहीं आया है। पुलिस ने सफलतापूर्वक लोकसभा चुनाव संपन्न कराए हैं जिसे लेकर विभाग संतुष्ट है लेकिन विभाग अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की चुनौती से भी अपरिचित नहीं है। आईजी ने कहा कि पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और जिस प्रकार चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न करवाए गए हैं, अमरनाथ यात्रा भी शांतिपूर्वक संपन्न होगी।
दूसरी ओर इस बार यह फैसला किया गया है कि अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सुरक्षा के नाम पर आधार शिविर में बंदी नहीं बनाया जाएगा। आधार शिविर में दाखिल होने के बाद भी श्रद्धालुओं को रात में शहर घूमने की इजाजत होगी। पहले श्रद्धालुओं की गाड़ी को आधार शिविर में दाखिल होने के बाद बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती थी। सुरक्षा कारणों से आधार शिविर के दरवाजे शाम को जल्दी बंद कर दिए जाते थे, जिस कारण समय होने के बावजूद श्रद्धालु शहर में घूम नहीं पाते थे। स्थानीय व्यापारिक संगठनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि श्रद्धालुओं को शहर घूमने का मौका नहीं मिलने से व्यापार पर असर पड़ता है। अगर श्रद्धालुओं के घूमने पर पाबंदी नहीं होगी तो व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
व्यापारिक संगठनों ने अपनी यह मांग जम्मू के डिविजनल कमिश्नर के सामने रखी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस बीच यात्रा आधार शिविर में शिवभक्तों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग ने प्रयास तेज कर दिए हैं। विभाग ने आधार शिविर में फूड प्वाइंट, बिस्तर उपलब्ध कराने, सुरक्षा सेवा देने, हाऊसकीपिंग तथा बागबानी संभालने संबंधी टेंडर आमंत्रित किए हैं। विभाग को उम्मीद है कि 28 जून से पहले सभी प्रबंध हो जाएंगे।

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