गजेंद्र भंडारी
लोकसभा चुनाव २०२४ के नतीजे सामने आने के बाद अब चर्चा तेज हो गई है कि मोदी की नई टीम में राजस्थान से किसे मौका मिलेगा और किसकी छुट्टी होगी। संभव है कि इस बार राजस्थान के कुछ नए चेहरे मोदी वैâबिनेट में नजर आ सकते हैं। यह भी चर्चा है कि बीजेपी एक बार फिर कुछ पुराने चेहरे को रिपीट कर सकती है। नरेंद्र मोदी की सरकार ३.० के लिए ८ जून का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने वाले नेता बनेंगे। साल २०१९ में राजस्थान से चार सांसद मंत्री बने थे, तब बीजेपी ने २५ में से २४ सीटों पर कब्जा जमाया था। वैसे पिछले १० साल से राजस्थान में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने वाली बीजेपी इस बार महज १४ सीटों पर ही जीत पाई है। ऐसे में सवाल है कि मोदी वैâबिनेट में राजस्थान से कुछ नए चेहरों को मौका मिल सकता है। आइए जानते है कि मोदी की नई टीम में कौन-कौन शामिल हो सकता है। राजस्थान में मिली जीत के बाद चर्चा है कि मोदी वैâबिनेट में इस बार कुछ नए चेहरों को मौका मिल सकता है। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह, राजसंमद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ा और भागीरथ चौधरी के नाम शामिल है। वहीं अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, ओम बिरला और भूपेंद्र यादव को फिर से मोदी वैâबिनेट में मौका मिल सकता है।
भजनलाल को हाथ लगी निराशा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने पूर्वी राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान जो किला मजबूती से खड़ा किया था, वह लोकसभा चुनाव आते-आते ढह गया। भाजपा के दिग्गज अपना किला बचाने में कामयाब नहीं हो सके। कामां विधायक नौक्षम चौधरी की लाज लोकसभा चुनाव में कतई नहीं बच सकी है। कांग्रेस की संजना जाटव ने ५१ हजार ९८३ मतों से जीत हासिल की है। इनमें से संजना को ४६ हजार १६८ वोट की लीड तो सिर्फ कामां विधानसभा क्षेत्र से ही मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा विधायक एवं राज्यमंत्री की पकड़ कुछ ही दिनों में क्षेत्र में ढीली पड़ गई है। हालांकि, अपने बूथ से विधायक कई जगह अपने प्रत्याशी को वोट दिलाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन यह वोट भी उम्मीद के मुताबिक नहीं है। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में अच्छे बहुमत से भाजपा की सरकार है। इसके बाद भी लोग जिले में असंतुष्ट ही नजर आए हैं।