सामना संवाददाता / ठाणे
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ठाणे लोकसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित सांसद नरेश म्हस्के को शुभकामनाएं मिलती नजर आ रही हैं, हालांकि, शिंदे गुट और भाजपा दोनों की ओर से लगाए गए बैनरों से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को डिच्चू कर दिया गया है। यानी उनकी तस्वीर बैनर से गायब है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि अजीत पवार को महायुति से दरकिनार किया जा रहा है। शिंदे गुट के बैनर में महायुति का जिक्र है, लेकिन भाजपा के जिला अध्यक्ष द्वारा लगाए गए बैनर पर महायुति का कोई जिक्र नहीं है। वहीं अजीत दादा को बिना शर्त समर्थन देनेवाले राज ठाकरे को भी भुला दिया गया है। ऐसे में यह जल्द ही साफ हो जाएगा कि ये दोनों पार्टियां आगामी कोकण स्नातक चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करती हैं या फिर अपना ठेंगा दिखाती हैं।
बता दें कि सांसद म्हस्के को बधाई देने वाला बैनर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें सहयोगी दल के ग्यारह नगरसेवकों के फोटो वाला बैनर लगाने के बाद कुछ ही घंटों में बैनर गायब हो गया है। बैनर में कहा गया है कि म्हस्के हमारे दोस्त अब ठाणे मनपा में न बैठकर सीधे संसद में बैठेंगे। बैनर के बाद शिंदे गुट और बीजेपी के बैनर की चर्चा शुरू हो गई है। अब यह देखना बाकी है कि कोकण स्नातक चुनाव में अजीतदादा गुट और मनसे पार्टी के स्थानीय नेता क्या भूमिका अपनाते हैं।
ये बीजेपी का बैनर है…
भाजपा ठाणे जिला अध्यक्ष संजय वाघुले ने वैâडबरी सिग्नल स्थित फ्लाईओवर पर बैनर लगाकर म्हस्के को शुभकामनाएं दी हैं। इस पर मोदी, फडणवीस, बीजेपी नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री शिंदे, म्हस्के और वाघुले की फोटो है, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को छोड़कर उनकी पार्टियों के किसी स्थानीय नेता की तस्वीर नहीं है।
ये है शिंदे गुट का बैनर..
यह बैनर वैâडबरी, नितिन कंपनी आदि जगहों पर लगाया गया है। इस बैनर पर मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए एक चाय वाले प्रधानमंत्री धन्यवाद करते नजर आ रहे है, वहीं बैनर पर मोदी, शिंदे और फडणवीस के साथ म्हस्के की तस्वीरें हैं, लेकिन अजीत पवार की तस्वीर नहीं है।
सदमे पर सदमा…नगर से विधानसभा की टिकट भी गई
भाजपा की ओर से पंकजा मुंडे को टिकट देने की मांग की जा रही है, जबकि महायुति के घटक दल अजीत पवार गुट के संग्राम जगताप नगर के सिटिंग विधायक हैं। यह मांग भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष अभय आगरकर ने एक निवेदन के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मांग की है। यानी अजीत पवार को सदमे पर सदमा मिलता जा रहा है। महायुति में विधानसभा सीटों को लेकर अभी से ही अंदरूनी कलह शुरू हो गया है।
लोकसभा चुनाव के बाद यह तय था कि नगर जिले में कई राजनीतिक उलटफेर होंगे। विखे की करारी हार के बाद नगर का समीकरण बदल जाएगा और अब तो स्थानीय स्तर पर भी चुनाव होंगे। वहां भी महाविकास आघाड़ी ने मिलकर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। दूसरी ओर महायुति में बड़े जोर-शोर से हलचल तेज हो गई है। इसी के साथ ही अंदरूनी कलह भी अभी से शुरू हो गया है। अजीत पवार गुट के विधायक संग्राम जगताप पिछले दो बार से नगर से चुने जा रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा और अजीत पवार गुट ने मिलकर विखे पाटील के प्रचार में हिस्सा लिया था। हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद वे महायुति के प्रत्याशी विखे को हार का सामना करना पड़ा।
मविआ ने बिगाड़ा वोटों का गणित
शिवसेना के दिवंगत उपनेता अनिल राठौड़ ने पिछले पांच साल के चुनावों में सुजय विखे को चुनने के लिए नगर निर्वाचन क्षेत्र से बड़ी संख्या में वोटों का गणित फिट किया था। इसी के कारण उन्हें यहां से ५४ हजार की लीड मिली। हालांकि, इस साल विखे को नगर में सिर्फ ३१ हजार वोटों की बढ़त मिली है। इसका मतलब यह है कि यहां विखे का वोट शेयर घटा है।
‘नतीजों से हैरान हूं’
लोकसभा चुनाव में ४५ सीटों का नारा देनेवाली महायुति का महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हो गया। महायुति राज्य में केवल १७ सीटों पर ही सिमटकर रह गई, जबकि महाविकास आघाड़ी ने ३० सीटें जीतीं। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान अजीत पवार गुट को हुआ। अजीत पवार गुट को चार सीटों में से सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। इस नतीजे के बाद अजीत पवार गुट ने बैठक की, इसके बाद अजीत पवार ने कहा कि बारामती सहित अन्य लोकसभा सीटों का नतीजा चौंकानेवाला था। मैं इस नतीजा से हैरान हूं। उन्होंने कबूल किया कि जनता का हम पर से भरोसा भी कम हुआ है।
उल्लेखनीय है कि बारामती लोकसभा क्षेत्र में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले और अजीत पवार गुट की सुनेत्रा पवार आमने-सामने थीं। ननद-भौजाई की लड़ाई में सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की और लगातार चौथी बार सांसद बनीं। इससे साफ हो गया है कि कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं। उधर अजीत पवार गुट ने भी इस जनमत को स्वीकार किया और कहा कि वे आत्ममंथन करेंगे।
जनता जनार्दन है सब कुछ
अजीत पवार ने कहा कि विधायकों से चर्चा के बाद कुछ िरकॉर्ड दर्ज किए गए हैं। हम उनसे कुछ निर्णय लेकर आगे कदम बढ़ाएंगे। जनता जनार्दन ही सब कुछ है। जनता ने जो रुझान दिया है, उसे हमने विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया है। अजीत पवार ने कहा कि जनता का जो विश्वास हम पर से खो गया है उसे वापस पाने के लिए हम अपनी जान लगा देंगे।