सामना संवाददाता / मुंबई
देश को चलाने के लिए आम सहमति महत्वपूर्ण होती है। दस सालों के बाद यह शाब्दिक बदलाव है। चुनाव नतीजों के आंकड़ों के बाद यह बदलाव हुआ है, यह स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है। इस तरह का तंज कसते हुए विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने कहा कि मोदी को सत्ता स्थापित करने के लिए अन्य दलों की मदद लेनी पड़ रही है इसलिए वे अब एनडीए का राग अलाप रहे हैं। इससे पहले वे बहुमत में आए थे, लेकिन एनडीए की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष कह रहे थे कि देश में एकमात्र भाजपा ही रह गई है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं, इस पैâसले से भाजपा को झटका लगा है। ४०० से ज्यादा का नारा देनेवाली भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। इस नतीजे से साफ पता चलता है कि जनता ने भाजपा को नकार दिया है। हालांकि, नरेंद्र मोदी अब सत्ता स्थापित करने के लिए एनडीए का राग अलाप रहे हैं। इससे पहले उनके भाषण में सिर्फ भाजपा ही भाजपा थी, लेकिन अब वे एनडीए का जिक्र कर रहे हैं। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भाजपा और मोदी पर तंज कसा है। हिंदुस्थान के राजनीतिक इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन के रूप में एनडीए जितना सफल रहा, उतना सफल कोई नहीं हो सका। एनडीए की जीत से हमने बहुमत हासिल कर लिया है। सरकार चलाने के लिए बहुमत जरूरी है। यही लोकतंत्र का सिद्धांत है, लेकिन नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश चलाने के लिए आम सहमति जरूरी है। उनके बयान पर निशाना साधते हुए दानवे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मोदी में शाब्दिक बदलाव आया है।