चलो साथ मिलकर नया गीत गाएं।
संपन्नता को चतुर्दिक बुलाएं।।
जहां है अंधेरा वहीं पर पहुंचकर ।
नया ज्ञान दीपक सदा हम जलाएं।।
सबको बुलाकर कहें साथ आओ।
सदा खुशनुमा एक मौसम बनाएं।।
कैसे बनेगा सुहाना सफर ये।
पूरी अकल हम इसी पर लगाएं।।
उदासी जहां है बिलखता है जीवन।
वहां दर्द नाशक रसायन पिलाएं।।
खुशी के क्षणों में मधुर प्यार बांटे ।
थोड़ा बहुत तो हंसें मुस्कुराएं।।
अवसर मिले तो समय पर पहुंचकर।
ज्ञान के इस सरोवर में डूबें नहाएं।।
जो भी यहां पर पधारे हुए हैं।
उनको अभी हम गले से लगाएं।।
यहां रोशनी की कथा क्या कहें हम।
भीतर नई रोशनी हम जलाएं।।
सदा ज्योति दिल में प्रकाशित करें हम।
घर में सदा लोक मंगल मनाएं।।
मुकम्मल खुशी हो यही सोचकर हम।
सारे दुखों को यहाँ से मिटाएं।।
चलो साथ मिलकर नया गीत गाएं।
सम्पन्नता को चतुर्दिक बुलाएं ।