मुख्यपृष्ठस्तंभनिवेश गुरु : मेडिक्लेम बीमा को सस्ता कैसे बनाएं?

निवेश गुरु : मेडिक्लेम बीमा को सस्ता कैसे बनाएं?

भरतकुमार सोलंकी

स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले १२ महीने में बीमा का रीन्यूअल यानी नवीकरण कराने वाले ५२ फीसदी लोगों के प्रीमियम की रकम २५ फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गई। प्रीमियम बढ़ने की एक बड़ी वजह इलाज के खर्च में लगातार बढ़ोतरी भी है। पिछले कुछ सालों में इलाज औसतन १२ से १५ फीसदी महंगा हुआ है, जिस वजह से स्वास्थ्य बीमा के दावों में रकम भी बढ़ती जा रही है।
चिकित्सा तकनीक में प्रगति होने और स्वास्थ्य सुविधाएं भी पहले से बेहतर होने के कारण इलाज का खर्च बढ़ता जा रहा है। कभी-कभी कुछ ऐसे जीवनरक्षक ऑपरेशन भी करने पड़ते हैं, जो महंगे होते हैं और जिनके कारण अस्पताल का कुल बिल बढ़ जाता है। दवा, इंप्लांट और दूसरी सामग्री महंगी होने के कारण भी अस्पताल के बिल बढ़ते जा रहे हैं। बीमा के दावे बढ़ने का एक बड़ा कारण जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं और दूसरी बीमारियां भी हैं, जिनमें से कुछ पर्यावरण बिगड़ने के कारण हो रही हैं। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, वैंâसर आदि बीमारियां भी लगातार बढ़ रही हैं।
कोविड के दौरान और उसके बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की तादाद बहुत बढ़ी, जिससे बीमा कंपनियों के पास आने वाले दावों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ। इससे बीमा कंपनियों पर भी बोझ बढ़ गया। बार-बार दावे आने और उनमें रकम बहुत अधिक होने के कारण बीमा कंपनियों का भी खर्च बहुत बढ़ गया। आम लोगों में बीमा का दायरा कम होने के कारण भी प्रीमियम अधिक हैं। देश में बीमा का दायरा बढ़ेगा तो बीमा कंपनियों का खर्च या लागत ज्यादा ग्राहकों के बीच बंट सकती हैं। बीमा प्रीमियम पर लगने वाला १८ फीसदी जीएसटी भी इसे महंगा बनाता है।
प्रीमियम बढ़ने के व्यक्तिगत कारण भी होते हैं। जीवनशैली महंगी होने का भी असर पड़ता है। जैसे-जैसे संपन्नता बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग भी महानगरों के महंगे अस्पतालों में जाना और वातानुकूलित कमरों में रहकर इलाज कराना पसंद करते हैं। कुछ मरीज तो सुइट रूम तक लेते हैं। इलाज के पूरे पैकेज की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि मरीज किस तरह के कमरे में रह रहा है।
अगर किसी युवा के पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तो उसे शादी के बाद इसे फ्लोटर पॉलिसी में बदलना चाहिए और अपनी पत्नी तथा बाद में संतान को भी इसमें जोड़ लेना चाहिए। सभी सदस्यों के लिए अगल-अलग बीमा लेने की बजाय ऐसा करना सस्ता पड़ेगा। जो लोग तंदुरुस्ती का बड़ा ख्याल रखते हैं, उन्हें कसरत करने पर छूट मिलती है। मिसाल के तौर पर दिन में इतने कदम चलें और छूट पाएं जैसे ऑफर वाली पॉलिसी ले सकते हैं। उपरोक्त कारणों के अलावा मेडिक्लेम बीमा प्रीमियम को सस्ता करने में ग्राहकों की जागरूकता अति महत्वपूर्ण है, जिससे अस्पतालों के बढ़ते बिल पर अंकुश लगाया जाए तो भविष्य में बीमा प्रीमियम बढ़ने की संभावनाओं पर भी रोक लग सकती है।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)

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