-आशीष शेलार को हटाने की हुई मांग
-गद्दारों के गुट में शुरू हुई भगदड़
-भाजपा आलाकमान की बढ़ी चिंता
सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद भाजपाइयों में हताशा बढ़ गई है। भाजपा ने राज्य में घाती गुट और अजीत पवार गुट को साथ लेकर टुकड़ों की सरकार बनाई है। अब यह टुकड़ों की सरकार भी टेंशन में आ गई है। खासकर गद्दार गुट में कुछ ज्यादा ही बेचैनी बढ़ गई है और वहां भगदड़ मच सकती है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि घाती सरकार कभी भी गिर सकती है। इसे देखकर भाजपा आलाकमान की नींद उड़ गई है।
बता दें कि आज केंद्र में जैसे-तैसे बैसाखी पर खड़ी हो रही यह लंगड़ी सरकार शपथ लेने जा रही है। इस सरकार के भविष्य पर तमाम तरह के प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। जानकारों का मानना है कि केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर भाजपा ने टुकड़ों में जोड़कर सरकार बनाई है, जो सरकार विरोधी जनादेश के कारण कभी भी गिर सकती है। यही कारण है कि टुकड़ों की सरकार टेंशन में है।
बता दें कि हालिया चुनाव में अजीत पवार और शिंदे गुट के नेताओं में बुरी तरह हार के कारण भगदड़ मच गई है। अपने बेहतर भविष्य को देखते हुए शिंदे गुट के कई सांसद और विधायक घर वापसी करना चाहते हैं तो अजीत पवार के साथ गए विधायक सीधे शरद पवार के गुट में शामिल होने के लिए हाथ-पैर जोड़ रहे हैं। उधर हार के बाद भाजपा के भीतर भी जंग शुरू हो गई है।
जनता ने गद्दारों के साथ भाजपा को भी नकारा!
भाजपा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार की अगुवाई में मिली बुरी हार के लिए भाजपाइयों ने उन्हें पद से हटाने की मांग तेज कर दी है। इसके लिए दिल्ली में भाजपा आलाकमान को पत्र भी लिख दिया गया है। बता दें कि ‘इंडिया’ गठबंधन को इस बार लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार से सफलता मिली है, उससे भाजपा का घमंड चूर हो गया है। महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा आदि आम समस्या पर बात करने के बजाय संविधान को बदलने वाली मोदी सरकार को समर्थन करने वाले गद्दार एकनाथ शिंदे और अजीत पवार गुट को भी जनता ने झटका दिया है। भाजपा को ९, शिंदे को ६ सीटों और अजीत पवार गुट को एक सीट मिली है। जनता ने इन भाजपा सहित गद्दारों को नकार दिया है।
अब आगामी विधानसभा चुनाव को देखते गद्दारों की हालत खराब है। शिंदे गुट के कई विधायक व सांसद अब शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आना चाहते हैं तो उसी प्रकार अजीत पवार के साथ गए कई विधायक एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के साथ आने को बेताब हैं। इस बारे में हाल ही में एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील ने खुलासा किया था कि इस प्रकार से उन्हें गद्दार गुट के विधायकों के घर वापसी के लिए फोन आ रहे हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के विजय रथ रुक जाने से भाजपा आलाकमान की नींद उड़ गई है। वे अब भी मंथन कर रहे हैं कि आखिर किस वजह से महाराष्ट्र में इतनी बुरी दशा हुई है? जानकारों की मानें तो भाजपा आलाकमान अब हार के लिए जिम्मेदार यहां के कुछ वरिष्ठ नेताओं को घर बिठाने की फिराक में है। मोदी सरकार के शपथ विधि होने के बाद यहां मनमानी करने वाले भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। शायद इसी डर से भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है। उनके अलावा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त संगठन में वरिष्ठ लोगों और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को भी हटाया जा सकता है।
-जो डर गया समझो मर गया!
-जांच एजेंसियों के डर से भाजपा में गए उम्मीदवारों को जनता ने नकारा
-१३ में से ९ हार गए चुनाव
लोकसभा चुनाव में १३ ऐसे उम्मीदवार मैदान में थे, जो खुद या उनके परिवार के सदस्य केंद्रीय जांच एजेंसियों (ईडी, सीबीआई, आदि) के रडार पर हैं। इन १३ में से नौ चुनाव हार गए हैं। जांच एजेंसियों के दायरे में आने वाले १३ उम्मीदवारों में से आठ एजेंसियों की कार्रवाई से डरकर दूसरे दलों से भाजपा में आए थे (सात कांग्रेस से और एक तृणमूल कांग्रेस से)। इन ८ में से छह चुनाव हार गए।