सामना संवाददाता / मुंबई
विधान परिषद में पहले से ही २२ स्थान खाली हैं, ऐसे में अगले सप्ताह पांच और सीटें रिक्त हो जाएंगी। इसके चलते कुल ७८ विधान परिषद में से एक तिहाई खाली रह जाएंगी। दूसरी तरफ राज्यपाल द्वारा नियुक्त १२ स्थानों के साथ-साथ महानगरपालिका और नगरपालिका चुनावों के चुनाव में हो रही देरी से स्थानीय स्वराज्य निर्वाचन क्षेत्रों के १५ सहित २७ स्थानों को तुरंत भरे जाने के संकेत भी फिलहाल नहीं दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल ७८ सदस्य हैं। इनमें से राज्यपाल द्वारा नियुक्त १२ सदस्यों का स्थान पिछले चार साल से खाली पड़ा हुआ है। इसके साथ ही कई सालों से मनपा, नपा और जिला परिषदों के चुनाव नहीं होने के कारण स्थानीय स्वराज्य निर्वाचन क्षेत्रों के १५ स्थान खाली हो रहे हैं। ऐसे संकेत हैं कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव के बाद ही अगले साल स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव होंगे यानी ये १५ सीटें २०२५ तक खाली रहने के संकेत हैं। फिलहाल, इस समय विधान परिषद में कुल २२ सदस्यों के स्थान खाली हैं। विधान परिषद के ३० सदस्यों का चयन विधानसभा सदस्यों द्वारा किया जाता है। इसमें २२ सदस्य स्थानीय स्वराज्य संस्था के निर्वाचन क्षेत्रों, सात स्नातक, जबकि सात शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों समेत कुल १४ सदस्यों का चुनाव किया जाता है। शेष १२ सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं। फिलहाल अगले सप्ताह इसमें पांच और स्थान जुड़ जाएंगे। बता दें कि विधान परिषद अध्यक्ष पद भी पिछले दो साल से रिक्त है।