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पंचनामा : बिन पानी सब सून…मुंबई-ठाणे समेत राज्य में मंडराया जल संकट!

-एमएमआर को आपूर्ति करनेवाले बांधों में ६ फीसदी पानी

-टैंकर माफियाओं की हो रही चांदी

पंकज तिवारी

मुंबई महानगर को पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों में जल का स्तर कम हो रहा है। इसलिए मुंबई मनपा ने एहतियात के तौर पर पानी की आपूर्ति कम करने का पैâसला किया है, ताकि जलाशय के पानी का उपयोग लंबे समय तक किया जा सके। बताया जा रहा है कि एमएमआर को आपूर्र्ति करनेवाले बांधों में सिर्फ ६ फीसदी ही पानी बचा है, जिसके बाद अब मुंबई-ठाणे समेत आस-पास के शहरों में १० प्रतिशत पानी की कटौती लागू की गई है, लेकिन इस कटौती से टैंकर माफियाओं की चांदी हो रही है। वह मुंहमांगी कीमतों पर लोगों को पानी बेच रहे हैं। ऐसा नहीं है कि केवल एमएमआर क्षेत्र ही पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं। यह समस्या पूरे महाराष्ट्र में देखी जा सकती है।
२३ दिनों का जल ही है शेष
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाली सभी सात झीलों में केवल छह प्रतिशत ही पानी बचा है। ऐसे में मुंबई पर जल संकट मंडराने की आशंका व्यक्त की जा रही है। वर्तमान में झीलों में केवल ८८,६७९ मिलियन लीटर पानी बचा है। वहीं प्रतिदिन ३,८५० मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति होती है। ऐसे में अगले २३ दिनों का जल ही शेष है, वहीं अब रिजर्व कोटे से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
टैंकर माफियाओं ने मचाई लूट
पानी की किल्लत के बाद टैंकर माफियाओं द्वारा प्रति टैंकर ५ से ७ हजार रुपए से ज्यादा की वसूली की जा रही है। कई सोसायटियों में टैंकर का बिल ही ४ से ५ लाख प्रति माह आ रहा है। यही स्थिति केवल मुंबई की ही नहीं है, बल्कि आस-पास के कई जिलों की है। मुंबई से सटे ठाणे, पालघर में भी पानी माफिया मनमाने दर पर लोगों को पानी दे रहे हैं। खास बात यह है कि टैंकर से मिलनेवाला पानी पीने लायक तो नहीं होता लेकिन मजबूरीवश लोग उसे पीने को मजबूर हैं।
लगातार कम हो रहा पानी
बता दें कि पूरे वर्ष सुचारु जल आपूर्ति बनाए रखने के लिए मुंबई को १ अक्टूबर को १४,४७,३६३ मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसके अनुसार, वर्ष भर की जलापूर्ति की योजना बनाई जाती है। मुंबई में पिछले कुछ वर्षों से जून माह में झील क्षेत्र में संतोषजनक वर्षा न होने के कारण १० से २० प्रतिशत पानी की कटौती की जा रही है। वर्ष २०२२ में १७ अक्टूबर तक मानसून की बारिश रही थी, लेकिन २०२३ में २९ सितंबर को बरसात बंद हो गई थी। इससे हर साल ५ से ७ फीसदी तक मिलने वाला अतिरिक्त पानी इस साल नहीं मिल पाया है, लेकिन १ अक्टूबर से पानी का उपयोग जारी है। इसके चलते इस साल भी झीलों में पानी का भंडारण ९ फीसदी से कम हो जाने के बाद ३० मई से ५ फीसदी और ५ जून से १० फीसदी पानी की कटौती लागू कर दी गई है। झीलों का जल स्तर नीचे होने के कारण इस साल अपर वैतरणा बांध से ९३ हजार ५०० मिलियन लीटर और भातसा बांध से १ लाख ३७ हजार लीटर पानी का उपयोग किया जा रहा है।
राज्य की भी स्थिति गंभीर
राज्य में सूखे की गंभीर समस्या होने से करीब तीन हजार छोटे जलाशयों में पीने के पानी की स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है। इन सभी जलाशयों में जल भंडारण महज २० फीसदी रह गया है। ऐसे में राज्य के ११ हजार से ज्यादा गांवों की प्यास टैंकर बुझा रहे हैं।
इससे अधिक नहीं होगी पानी की कटौती
मुंबई को जलापूर्ति करने वाली झीलों में पानी की सप्लाई कम हो गई है, लेकिन रिजर्व के कारण फिलहाल दस फीसदी से ज्यादा पानी कटौती कम नहीं होगी।
भूषण गगरानी, मनपा आयुक्त
टैंकर भी पड़ रहे अपर्याप्त
दो दिनों से पानी की समस्या कुछ हद तक कम हो गई है, लेकिन बीच के दौर में ऐसी स्थिति थी कि मनपा और निजी टैंकरों से भी पानी नहीं मिल पाता था। जब तक इलाके में ठीक से पानी की सप्लाई नहीं होगी, तब तक समस्या दूर नहीं होगी।
सुनील ठोंबरे, नागरिक

लूट रहे टैंकर माफिया
कई हिस्सों में अब भी पानी की समस्या है। टैंकर माफिया समाज से पैसा लूट रहे हैं। ऐसे में शहरवासी पूछ रहे हैं कि इस समस्या का समाधान कब होगा? अगर बारिश समय पर नहीं हुई तो समस्याओं में और इजाफा होगा।
वेदांत मिस्त्री, ठाणे
नलों से आ रहा गंदा पानी
स्लम इलाके पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। दिन में एक बार पानी की आपूर्ति की जाती है, जो पानी नलों से आता है वह भी गंदा रहता है। उसे पीते हुए डर लगता है कि कहीं बीमार न पड़ जाएं।
त्रिभुवन सूबेदार सिंह, उल्हासनगर

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