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‘घाती’ सरकार का ठेकेदारों को ठेंगा!… राज्य में सड़क विकास के ६४ हजार करोड़ के काम रुके

-किए गए काम का बिल अटकने से ठेकेदारों ने काम करना बंद कर

दियासामना संवाददाता / मुंबई

सड़क विकास कार्यों के लिए ६४ हजार करोड़ रुपए की निविदाओं को मंजूरी दी गई थी। लगभग २०,००० करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका है, लेकिन ठेकेदारों को किए हुए कार्य का पैसा न देकर सरकार ने ठेंगा दिखा दिया है। इसी वजह से ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया। घाती सरकार के खजाने को झटका लगने के कारण ६४ हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य ठप पड़े हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जानेवाले सड़क विकास कार्यों के लिए वर्ष २०२४-२५ के लिए केवल १९ हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उसके बाद भी लोकसभा चुनाव से पहले ६४ हजार करोड़ रुपए के काम स्वीकृत किए गए थे। अब तक लगभग २०,००० से २२,००० करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका है, लेकिन सरकार इन कामों को करनवाले ठेकेदारों को भुगतान करने में आना-कानी कर रही है इसलिए ठेकेदार संघ ने राज्य में चल रहे सड़क विकास कार्यों को रोकने का पैâसला किया है।
मजदूरों पर
भुखमरी की नौबत
राज्य एवं ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण, सड़कों पर गड्ढे भरना, सड़कों पर छोटे एवं बड़े पुल के कार्य किए गए। इस काम के लिए सरकारी ठेकेदारों ने पैसा उधार लिया और खर्च किया। हालांकि, इसके बदले में सरकार की ओर से एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया है। इससे ठेकेदारों और उन पर निर्भर हजारों मजदूरों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है।
बजट में सीमित प्रावधान के बावजूद चुनाव से पहले पांच गुना अधिक काम स्वीकृत किया गया। पहले किए गए कार्यों के हजारों करोड़ रुपए के बिल बकाया हैं। अगले आठ दिनों में बकाया बिल की राशि नहीं मिली तो सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा।
मिलिंद भोसले, अध्यक्ष ठेकेदार महासंघ

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