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पश्चिम यूपी में बालियान व सोम की लड़ाई जाट बनाम ठाकुर पर उतरी… 2027 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा होगी गोल!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

जिस संगीत सोम और संजीव बालियान ने अखिलेश यादव की सरकार में हुए 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान मुखर भूमिका अदा करके भाजपा को 2014 बड़ी सफलता दिलाई थी। 2024 में उनके बीच छिड़ी जंग ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। अनुमान है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव इसको समय से पहले ही जान गए थे। इसीलिए 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वह जोर देकर कहते थे कि जो 2014 में यूपी में आए थे वह 2024 में जाएंगे। संयोग से संगीत सोम और संजीव बालियान के अपना-अपना चुनाव हारने के बाद इनकी लड़ाई खुली जंग बन गयी है। आश्चर्य की बात यह है कि भाजपा नेतृत्व चुप्पी साध कर सब कुछ देख रहा है। संजीव बालियान और संगीत सोम के बीच मतभेद की वजह से पश्चिमी यूपी में ठाकुर बनाम जाट होता जा है, जिसके कारण 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के सामने बड़ा संकट पैदा हो सकता है। पश्चिमी यूपी में दोनों ही बीजेपी के दो बड़े चेहरे हैं। दोनों की अपनी-अपनी सियासी जमीन भी है।
यूपी में लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में इस बार 28 सीटें कम हो गई हैं। सूबे में हार का साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। मुजफ्फरनगर में लोकसभा सीट पर में मिली हार के बाद बीजेपी में अंदरूनी कल और तेज हो गई है। मुजफ्फरनगर के बीजेपी प्रत्याशी रहे संजीव बालियान ने पार्टी नेता संगीत सोम पर एक्शन की मांग उठाई है। बालियान ने कहा कि कुछ जयचंद और विभीषण जनता के बीच में जाकर गुमराह करने में कामयाब रहे। कुछ लोग शिखंडी की तरह नजर आये। इसमें मेरी कमी है, जनता को मैं पूरी तरह समझा नहीं पाया, पर जो जयचंद हैं पार्टी उन्हें देखेगी। संगीत सोम का नाम लिए बगैर संजीव बालियान ने कहा कि कुछ लोग सपा को यहां खुलेआम चुनाव लड़ा रहे हैं। यहां पर वो बड़ी पोजिशन और सरकारी सुविधा में रहे हैं। भितरघात करने वालों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी हाईकमान को लेना है।
बालियान के हमले के बाद संगीत सोम ने भी प्रेस बुला कर अपने मन की बात रख दी। संगीत सोम बोले- मैं पार्टी के लिए काम करता हूँ। सोम ने संजीव बालियान को लेकर कहा कि अगर वो टिप्पणी कर रहे हैं तो वो जानें। मैं बीजेपी कार्यकर्ता और पार्टी के लिए काम करता हूं। अब उन्होंने क्या आरोप लगाए हैं यह तो उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। मैं अपनी पार्टी के लिए काम करता हूं। संगीत सोम ने कहा कि मुजफ्फरनगर में बीजेपी उनके विधानसभा सरधना से जीती है। ऐसे में बीजेपी किन विधानसभा सीटों पर हारी है, उसके कारण तलाशने होंगे।ऐसे में साफ है कि संगीत सोम बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रखेंगे।
संगीत सोम 2022 का विधानसभा चुनाव हार गये। यहीं से संजीव बालियान और संगीत सोम के बीच विवाद पनपा। संगीत सोम को अपनी हार के पीछे जाट वोटों का कम मत में पड़ने को वजह मान रहे थे।संगीत सोम ने इसका ठीकरा संजीव बालियान के सिर पर फोड़ा था।इसके चलते दोनों ही नेताओं के बीच आपसी विवाद और गहराने लगा। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान दोनों ही नेताओं की सियासी अदावत खुलकर सामने आ गई। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से संजीव बालियान तीसरी बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे। संगीत सोम ने बालियान को चुनाव में सबक सिखाने को लेकर तरह-तरह के बयान देते नजर आए थे। इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर से ही ठाकुरों की पंचायत शुरू हुई और उन्होंने खुलकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील करते नजर आए थे। ठाकुर पंचायत भले ही किसान नेता पूरण सिंह कर रहे थे, लेकिन उसके पीछ संगीत सोम का हाथ माना जा रहा था। यह पंचायत मुजफ्फरनगर के कई विधानसभा क्षेत्रों में हुई, जिसके चलते बीजेपी के खिलाफ सियासी माहौल बना।
पश्चिमी यूपी में जाट बनाम ठाकुर होता है तो फिर भविष्य में इसका राजनीतिक खामियाजा कई सीटों पर भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि जाट समाज में इस बात की नाराजगी है कि संजीव बालियान को हराने के लिए ठाकुर समाज और संगीत सोम ने एड़ी-चोटी के जोर लगाया है। मुजफ्फरनगर सीट पर संजीव बालियान 24000 वोट से हार गए। ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र में भी संजीव बालियान को उतना वोट नहीं मिला, जितना हमेशा बीजेपी प्रत्याशी को मिलता था। ऐसे ही संगीत सोम के समर्थकों का भी मानना है कि 2022 के चुनाव में जाट बहुल गांव में बीजेपी के ठाकुर प्रत्याशियों को वोट नहीं मिला था, जिसके चलते संगीत सोम हार गए थे। ऐसे ही सियासी अदावत जारी रही तो फिर बीजेपी के लिए टेंशन बन सकती है।

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