मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासमाज के सिपाही : खुद को किया समाज के प्रति समर्पित

समाज के सिपाही : खुद को किया समाज के प्रति समर्पित

अनिल मिश्र

अपने परिवार को सही मार्ग दिखाने के बाद वांगनी के मूल निवासी मनोहर शेलार ने आगे के जीवन को समाजसेवा के प्रति समर्पित करने के इरादे से काम शुरू किया है और वांगनी के विकास को लेकर प्रयासरत हैं।
मनोहर शेलार ने बताया कि उन्होंने दसवीं तक पढ़ाई की। नौकरी के लिए टेक्निकल ज्ञान जरूरी होता है इसलिए आईटीआई का प्रशिक्षण लेकर गार्लिक इंजीनियरिंग में उन्होंने काम किया। उसके बाद उन्होंने रेमंड कंपनी ज्वॉइन की। कुछ सालों बाद कंपनी के बंद हो जाने के बाद उन्होंने वांगनी में होटल व्यवसाय शुरू किया। अपनी कठोर मेहनत से समाज और रेल प्रवासियों की असुविधा को लेकर प्रशासन से लड़नेवाले मनोहर शेलार का कहना है कि अब आगे का जीवन समाज के लिए ही समर्पित है। मनोहर शेलार ने बताया कि वो वांगनी ग्राम पंचायत में सदस्य के बाद शिक्षण समिति के सभापति तक रहे। बतौर सदस्य उन्होंने वांगनी ग्राम पंचायत क्षेत्र में आनेवाले रास्ते, पानी, सफाई, नदी-नालों पर लघु बांध बांधकर किसानों को खेती के लिए पानी मुहैया करवाया। इसके लिए एक लाख रुपए की नकद राशि से उन्हें सम्मानित किया गया। ग्राम स्वच्छता में अव्वल स्थान पर रहे मनोहर शेलार केंद्र को राज्य सरकार की तरफ से प्रमाणपत्र व आर्थिक मदद के रूप में सवा पांच लाख रुपए से समानित किया गया। इसके अलावा उपनगरीय रेल प्रवासी एकता संस्था का निर्माण कर वांगनी के रेल यात्रियों की सुख-सुविधा को बढ़ाने का प्रयास उन्होंने किया। वांगनी लेबल क्रॉसिंग की जगह पर उड़ान पुल बनाने, पादचारी पुल बनाने, स्टेशन पर शेड लगाने के अलावा वांगनी यार्ड से मुंबई की तरफ जानेवाली लोकल में बैठने की अनुमति दी जाए, इस प्रकार की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। वांगनी में नेत्र दिव्यांग बड़ी संख्या में रहते हैं और स्वचालित सीढ़ी न होने का ज्ञापन पूर्व सांसद कपिल पाटील को कई बार देने के बावजूद परिणाम शून्य ही मिला। बदलापुर से आगे वांगनी से कर्जत तक एक-एक घंटे तक लोकल और बस सेवा न होने के कारण बार-बार रेलवे प्रशासन से गाड़ी बढ़ाने की मांग की जा रही है। रेलवे प्रशासन सुविधा के नाम पर आंख में धूल झोंकने का काम कर रहा है। रेलवे से बारह की बजाय पंद्रह डिब्बे की लोकल शुरू करने की मांग की गई है। रेलवे प्रशासन की नाकामी का ये नतीजा है कि अब तक हजारों परिवार के कमाऊ लोग मौत के मुंह में समा गए। मनोहर शेलार के परिवार में एक बेटी और दो बेटे हैं। बेटी का विवाह हो गया और वह अपने परिवार में सुखी है। उनके दोनों बेटे मिलकर होटल चला रहे हैं और खुद शेलार अब जनसेवा कर रहे हैं। जनसेवा के तहत बीमार लोगों के उपचार के लिए स्वास्थ्य परीक्षण वैंâप, पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण जैसे तमाम तरह के सराहनीय कार्य करनेवाले मनोहर शेलार लोगो में काफी लोकप्रिय हैं।

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