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निजी अस्पतालों के निजी वेबसाइट पर अश्लील फोटो डालकर वसूली के आरोप में डीपीसी समेत चार गिरफ्तार

मोतीलाल चौधरी / कुशीनगर

कुशीनगर जिले के पडरौना में आयुष्मान योजना में चयनित निजी अस्पताल की वेबसाइट हैक कर अश्लील फोटो अपलोड करने के बाद संचालकों से रकम वसूलने वाले गैंग का पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश कर दिया। इसमें शामिल सीएमओ कार्यालय के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर (डीपीसी) समेत हेरिटेज एजेंसी के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एजेंसी के फरार क्लस्टर हेड की तलाश में पुलिस जुटी है।
मिली जानकारी के अनुसार, सीएमओ कार्यालय में तैनात डीपीसी की मिलीभगत से हेरिटेज एजेंसी से जुड़े वर्करों ने करीब तीन माह पहले आयुष्मान योजना में चयनित बीएन अस्पताल खिरकिया और आराध्या सर्किल अस्पताल ढोलहा की वेबसाइट हैक कर अश्लील फोटो अपलोड कर दिया। जानकारी होने पर अस्पताल संचालकों ने सीएमओ और एसपी से शिकायत की। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज करने का आदेश दे दिया। केस दर्ज होने के बाद नाराज डीपीसी अस्पताल वालों को आयुष्मान योजना से बाहर करने की धमकी देने लगा। वहीं एसपी के निर्देश पर साइबर सेल, क्राइम ब्रांच और एसओजी ने जांच शुरू की। साइबर सेल की मदद से पुलिस इस खेल में शामिल डीपीसी और हेरिटेज एजेंसी के वर्करों तक पहुंच गई। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि पूरे खेल का मास्टर माइंड हेरिटेज एजेंसी का फरार चल रहा क्लस्टर हेड सुहासीश मैंटी और सीएमओ कार्यालय में तैनात कसया थाना क्षेत्र के सबया का निवासी डीपीसी डॉ. दीपक कुशवाहा है।
दोनों की शह पर प्रयागराज जिले के धमूनगंज थाना क्षेत्र के ईडब्लूएस काॅलोनी विवेकानंद मार्ग निवासी अनीश अहमद, हाटा थाना क्षेत्र के सुकरौली के पिपरा उर्फ तितिला निवासी अखिलेश शर्मा, रविंद्र नगर धूस थाना क्षेत्र के भिसवा सरकारी गांव निवासी मंदीप कुमार गौड़ आयुष्मान योजना में चयनित अस्पतालों से कागजों में हेराफेरी कर वसूली करते थे। अस्पताल संचालक इसका विरोध करते थे तो उन्हें आयुष्मान आईडी ब्लॉक कराने की धमकी देते थे। डाॅ. दीपक कुशवाहा, अखिलेश शर्मा, सुहासीश मैंटी तथा मंदीप गौंड़ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारों को जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 2.10 लाख नकद, तीन लैपटाॅप डेटा सहित, 21 कूटरचित सरकारी, गैरसरकारी मुहरें, छह कूटरचित दस्तावेज, कूटरचित हस्ताक्षर मुहरयुक्त, एक डायरी में 17 अस्पतालों के स्वास्थ्य योजना का आईडी/पासवर्ड, अपराध में प्रयुक्त सात मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंकों के 14 एटीएम कार्ड, विभिन्न कंपनियों के 21 सिमकार्ड, 17 बंधक आरोग्य कार्ड, एक बंडल दस्तावेज, एक पीसी सीपीयू, माॅनिटर, अपराध में प्रयुक्त डॉ. दीपक कुशवाहा की कार बरामद की है।
पुलिस का कहना है कि सीएमओ कार्यालय में तैनात आयुष्मान योजना का डीपीसी और हेरिटेज एजेंसी के वर्कर शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम देते थे। अनीस नामक व्यक्ति डीपीसी डॉ. दीपक कुशवाहा का करीबी है। हेरिटेज एजेंसी का जिला कोऑर्डिनेटर अखिलेश शर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाला मंदीप कुमार मिलकर गैंग बनाए थे। डॉ. दीपक कुशवाहा जिले के अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों के इलाज की मॉनिटरिंग करता था। तीनों के कहने पर कंप्यूटर ऑपरेटर मंदीप आयुष्मान योजना में चयनित निजी अस्पतालों में जाकर लाभार्थियों के आयुष्मान योजना में उनके इलाज से जुड़े दस्तावेजों को टीएमएस पोर्टल पर फीड करता था। अस्पताल संचालकों की वेबसाइट पर गलत फीडिंग कर या अश्लील तस्वीर अपलोड करने के बाद गैंग ब्लैकमेल कर वसूली करता था।

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