-चौड़े प्लेटफॉर्म पर प्लास्टिक डालकर बनाई गई छत
सामना संवाददाता / ठाणे
कुछ दिन पहले ठाणे में ६३ घंटों का महा मेगाब्लॉक लेकर प्लेटफॉर्म संख्या पांच व छह की चौड़ाई बढ़ाई गई, लेकिन, चौड़े प्लेटफॉर्म पर प्लास्टिक को डालकर छत बना दी गई है। बरसात के मौसम में उक्त अस्थायी छत अप्रभावी रहेगा और लोकल का इंतजार कर रहे यात्री निश्चित तौर पर भीगेंगे। यात्रियों का कहना है कि ये लापरवाही रेलवे की है और यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि कुछ दिन पहले रेलवे ने ६३ घंटे का महा मेगाब्लॉक लेकर रेलवे कई जगहों पर प्लेटफार्म की चौड़ाई बढ़ाने का काम किया। पैदल यात्री पुल को भी ध्वस्त कर दिया गया और चौड़ीकरण कार्य के लिए जगह बनाने के लिए एक नया पुल बनाया गया। ब्लॉक के दौरान सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए ९३० लोकल रद्द कर दी गईं थीं। हालांकि, प्लेटफॉर्म पर प्लास्टिक डालकर छत बनाने का कार्य रेलवे प्रशासन ने किया है, जो कि बरसात के दौरान यात्रियों के लिए परेशानी बनना निश्चित हैं।
छत के खराब होने का डर..
महा मेगाब्लॉक के दौरान लंबी दूरी की कुछ ट्रेनें भी रद्द कर दी गई थीं। तो कुछ ट्रेनों को दादर, पनवेल, नासिक, मनमाड और पुणे स्टेशनों से शॉर्ट टर्मिनेट किया गया था। ६३ घंटे से पहले यह काम पूरा होने से एक तरफ जहां रेल प्रशासन की सराहना होने लगी थी, वहीं अब दूसरी ओर रेलवे प्रशासन की आलोचना की जाने लगी है।
अब जब मानसून शुरू हो गया है तो एक बार फिर से प्लेटफॉर्म नंबर पांच चर्चा में है। चौड़ाई बढ़ा दी गई, लेकिन साथ ही ऊपरी छत भी बढ़ाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन इस छत को बढ़ाया नहीं गया हैं।
अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है तो बांस गाड़कर और उस पर प्लास्टिक डालकर अस्थायी शेड बनाया गया है। यात्रियों कहना है कि भारी बारिश में यह अस्थायी शेड अप्रभावी रहेगा और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
क्या कहते हैं यात्री?
दोपहर के समय रेलवे प्लेटफॉर्म पर लोकल का इंतजार करते समय धूप और बारिश से परेशानी होगी। यह अस्थायी शेड अप्रभावी साबित होगा।
– विश्वास उदगिरकर, यात्री