-यह देश और उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के साथ मजाक है
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश बीते २४ घंटे से लगातार चर्चा में बना हुआ है। चर्चा में रहने की वजह भी यूपी पुलिस में आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्ती को लेकर जारी हुआ लेटर है। इसके बाद से ही सियासत का पारा भी काफी हाई हो चुका है। एक के बाद एक विपक्षवाले बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना भी साध रहे हैं। सरकारी नौकरियों में ठेके पर होने वाली भर्ती को लेकर देश में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी यूपी में पुलिस भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम पर विचार कर रही है। सरकारी नौकरियों को तबाह करने की भाजपा की इन नीतियों के खिलाफ विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष सरकार पर सरकारी नौकरियां खत्म करने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अग्निवीर भर्ती का जिक्र करते हुए प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। आप सांसद संजय सिंह ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर कहा, `भारत की सेना में अग्निवीर के जरिए ठेके पर जवान भर्ती किए गए। अब उत्तर प्रदेश में पुलिस की भर्ती ठेके पर होने जा रही है। यह देश और उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के साथ मजाक है।’ वहीं अखिलेश यादव ने भी पुलिस भर्ती को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल उठाया है कि भाजपा किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे।
बता दें कि संजय सिंह ने कहा, ‘यूपी में इससे पहले पुलिस भर्ती पेपर लीक से ६० लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद हुआ। अभी इसकी जांच चल ही रही थी कि अब ठेके पर पुलिस की भर्ती होने वाली है। हम यूपी के लाखों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।’
इससे पहले गुजरात में भी ठेके पर की गई पुलिस की भर्ती
सरकार के इस कदम पर संजय सिंह ने कहा कि ‘यूपी की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के साथ मजाक किया जा रहा है। गुजरात में भी इसी तरह का मजाक किया गया है। गुजरात में भी ठेके पर पुलिस और सरकारी अधिकारियों की भर्ती की गई। क्या सरकार द्वारा गुजरात का मॉडल अब यूपी में लागू करने की कोशिश की जा रही है? बीजेपी की सरकार में देश के लाखों बच्चों का भविष्य पेपर लीक के कारण बर्बाद हो गया। सरकार को यह पैâसला तुरंत वापस लेना चाहिए, क्योंकि अगर पुलिस की भर्ती ठेके पर होने लगी तो न ही उनकी जवाबदेही जनता के प्रति होगी और न ही सरकार के प्रति होगी।’
भाजपा किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक के बाद एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाकायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है? अखिलेश यादव ने आगे कहा कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं को ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है, क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाजे से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है। पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की खबर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और यूपी के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।