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राजस्थान का रण : मिर्धा ने दी बेनीवाल को चुनौती

गजेंद्र भंडारी

विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी नागौर सीट काफी चर्चाओं में रही, क्योंकि इस सीट पर हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिला। हांलाकि, ज्योति मिर्धा के सामने हर बार हनुमान बेनीवाल भारी पड़ते नजर आए। १० सालों में दोनों आमने-सामने रहे, लेकिन नतीजा बेनीवाल के पक्ष में रहा। अब ज्योति मिर्धा का एक नया बयान वायरल हो रहा है, जिसमें ज्योति मिर्धा बेनीवाल पर जुबानी हमला बोलती दिख रही है। इस दौरान ज्योति कह रही हैं कि हनुमान बेनीवाल फिर से बीजेपी के साथ आना चाहते हैं। ज्योति मिर्धा ने कहा कि आप कभी भाजपा के साथ तो कभी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ते हैं, उनकी बैसाखी लेकर आते हैं। अगर हिम्मत है तो अकेले चुनाव लड़कर दिखाओ। ज्योति मिर्धा ने कहा कि एक बार अकेले चुनाव लड़ा था, तब जमानत भी जब्त हो गई थी। उन्होंने कहा कि नेताजी घुड़ालिया चलकर भाजपा में आने के लिए तैयार बैठे हैं और सीएम से चाहते हैं कि किसी तरह घालमेल करके बीजेपी में घुस जाऊं। पिछले बार की तरह नागौर सीट से ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल आमने सामने थे, लेकिन इस चुनाव में ज्योति मिर्धा को हनुमान बेनीवाल ने दूसरी बार हरा दिया। बेनीवाल ने बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को ४२,२२५ वोटों से करारी मात दी है। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में ज्योति मिर्धा और इंडिया अलायंस की तरफ से हनुमान बेनीवाल मैदान में थे।
बीजेपी पर फिर भड़का संघ
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से खबरें सामने आ रही हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी में दूरियां बढ़ गई हैं। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान के बाद अब आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भी बड़ा बयान दिया है। जयपुर के कार्यक्रम में उन्होंने बीजेपी को अहंकारी बता दिया है। उन्होंने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं, इस बार के चुनाव को ही देख लीजिए। राम की भक्ति करने वालों में धीरे-धीरे अहंकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी घोषित कर दिया। बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि उनको जो पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी। दरअसल, वह जयपुर के पास कानोता में रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने इंडिया गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है, सत्य है, जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी, इसलिए जिस पार्टी ने भक्ति की, अहंकार आया, उस पार्टी को २४१ पर रोक दिया, लेकिन सबसे बड़ी बना दिया, जिनकी राम के प्रति आस्था नहीं थी, अश्रद्धा थी, उन सबको मिलकर २४० पर रोक दिया।
शिवराज और वसुंधरा की मुलाकात
राजस्थान की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर अक्सर चर्चाएं गर्म रहती हैं। साल २०२३ के विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद की दावेदार राजे को मौका नहीं दिया। अब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में नए वैâबिनेट का गठन हो चुका है, जिसमें कई दिग्गजों के साथ नए चेहरों को भी जगह दी गई है। इनमें एक नाम मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी है। केंद्रीय कृषि मंत्री बनाए जाने के बाद राजे ने उनसे दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के बाद वसुंधरा ने सोशल मीडिया एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है। राजे ने एक्स हैंडल पर लिखा कि आज नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर विभिन्न संबंधित विषयों पर चर्चा हुई।

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