मुख्यपृष्ठखेलक्लीन बोल्ड : चल अब लौट चलें

क्लीन बोल्ड : चल अब लौट चलें

अमिताभ श्रीवास्तव

तो अमेरिका का टूर लगभग संपन्न होने जा रहा है, ऐसे में टीम इंडिया के दो खिलाड़ियों को वापसी का टिकिट थमा दिया जानेवाला है। दरअसल, क्रिकेट हलकों में चर्चा है कि शुभमन गिल और आवेश खान दोनों को सिर्फ अमेरिका दौरे के दौरान टीम के साथ रहना था। जब तक कि कोई खिलाड़ी चोटिल न हो जाए। वे रिजर्व के तौर पर टीम के साथ गए थे, क्योंकि किसी खिलाड़ी के अचानक चोटिल हो जाने की स्थिति में बीसीसीआई के लिए भारत से तत्काल किसी अतिरिक्त खिलाड़ी को अमेरिका या कैरेबियाई देश में भेजना संभव नहीं था। रिजर्व में रिंकू सिंह और खलील अहमद भी थे मगर उन्हें रोक लिया जाएगा। वैसे देखा जाए तो अमेरिका से वेस्ट इंडीज के लिए उड़ान भरनेवाली टीम में चारों रिजर्व खिलाड़ियों को होना चाहिए मगर प्रबंधन को लगता है कि इनकी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि वेस्ट इंडीज का पिच स्पिनरों की मदद वाला रहेगा तो टीम में पहले ही मौजूद हैं स्पिनर। बल्लेबाजी में भी गहराई है और यदि कोई चोटिल हो भी जाता है तो यशस्वी जायसवाल तथा संजू सैमसन जैसे बेंच पर बैठे ही हुए हैं।
ये कैसा विश्वकप?
इस बार तो सारे रिकॉर्ड पीछे रह गए हैं। अमेरिका में हो रहे विश्वकप मैचों ने तो क्रिकेट बुक के पन्नों को सबसे कमजोर रिकॉर्ड से भर दिया है। दरअसल, टी२० वर्ल्डकप में १०० के भीतर ऑलआउट होने का नया रिकॉर्ड बन गया है। अफगानिस्तान ने पापुआ न्यूगिनी (पीएनजी) को महज ९५ रन पर ढेर कर यह रिकॉर्ड बनाया। यह टी२० वर्ल्ड कप २०२४ में नौवां मौका है, जब कोई टीम १०० का स्कोर भी नहीं छू सकी। पापुआ न्यूगिनी की टीम टूर्नामेंट में दूसरी बार १०० रन के भीतर ऑलआउट हुई है। इससे पहले वह युगांडा के खिलाफ ७७ रन पर सिमट गई थी। टी२० वर्ल्डकप २०२४ में बड़े स्कोर देखने को नहीं मिले हैं। टूर्नामेंट में अब तक २९ मैच खेले जा चुके हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया (२०१) को छोड़ दिया जाए तो कोई भी टीम एक बार भी २०० का स्कोर नहीं बना पाई है। दूसरी ओर, कम स्कोर पर सिमटने का रिकॉर्ड बन गया है। टूर्नामेंट में अब तक १९ पारियां ऐसी रही हैं, जब स्कोर ९९ के भीतर ही रह गया। टी-२० वर्ल्डकप २००७ से खेला जा रहा है। साल २००७ में ३ बार ऐसा हुआ कि कोई टीम १०० रन भी नहीं बना सकी। ज्यादा बार १०० से कम स्कोर में आउट होने का रिकॉर्ड २०१४ में टूटा। इस बार चार बार ऐसे मौके आए, जब कोई टीम १०० रन के भीतर सिमटी। साल २०१४ में फिर यह रिकॉर्ड टूटा। वर्ल्ड कप २०१४ में ८ बार टीमें १०० रन के भीतर सिमटीं। साल २०२१ में एक बार फिर ऐसा हुआ लेकिन अब २०२४ में सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं।
चूहे बिल्ली का खेल
क्रिकेट चूहे बिल्ली का खेल हो गया है, खासतौर पर अमेरिका में हो रहे विश्वकप के मैच। जी हां, ऐसा कहना है न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन का जिनकी टीम वेस्ट इंडीज से हारकर सुपर आठ से लगभग बाहर हो गई है। केन विलियमसन ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने (मिशेल और सेंटनर) जो भी ओवर फेंके, उन पर रन बननेवाले थे। आपको इस तरह की चीजों से निपटना होता है। मुझे लगता है कि टी-२० क्रिकेट में आजकल जो टीमें काफी गहराई तक बल्लेबाजी कर रही हैं। आप हमेशा बिल्ली और चूहे का खेल खेलने की कोशिश कर रहे हैं।’ कीवी टीम को हराकर विंडीज ने सुपर ८ में प्रवेश कर लिया। न्यूजीलैंड को १४ जून को युगांडा और १७ जून को पापुआ न्यू गिनी से खेलना है। इन दोनों मैचों को जीतने भर से कीवी टीम के अगले राउंड में पहुंचने के काम आसान नहीं होनेवाले हैं। क्योंकि मेजबान वेस्ट इंडीज ६ अंक लेकर सुपर ८ में पहुंच चुका है, वहीं अफगानिस्तान के चार अंक हैं। न्यू पापुआ गिनी के खिलाफ जीत से अफगानिस्तान सुपर ८ में पहुंच जाएगा। यह मैच १४ जून को खेला जाना है। अफगान टीम इस मुकाबले को जीतकर या बारिश की वजह से यह मैच रद्द भी हुआ तो भी वह सुपर ८ में पहुंच जाएगी।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

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