-मिंधे सरकार नए नियम व आदेश निकालकर दे रही सहूलियत
सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास प्रकल्प अडानी को दिए जाने के बाद विरोध में उतरे धारावीकरों के चलते सर्वे पर रोक लगा दी गई है। धारावी पुनर्विकास के नाम पर रहिवासियों के पुनर्वसन और निर्माण कार्य में लगने वाले मशीनरी यंत्र के रख-रखाव के लिए अडानी ने मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में खाली पड़ी जमीन की मांग की है। उसे देने के लिए मिंधे सरकार हर दिन नए नियम व आदेश निकालकर अडानी को सहूलियत दे रही है। मुंबई की खाली पड़ी जमीन बचाने के लिए सरकार के विरोध में ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ ने विरोध जताते हुए मुंबईकरों से मुंबई बचाने की अपील की है।
अडानी ने की कई एकड़ जमीन की मांग
गौरतलब है कि एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी और उद्योग नगरी धारावी पुनर्विकास प्रकल्प खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। जहां पुनर्विकास का जिम्मा अडानी को दिया गया है, वहीं धारावीवासियों को अडानी पर विश्वास नहीं है, जिसका पुरजोर विरोध कर धारावीकरों ने सर्वे को रुकवा दिया है। धारावी पुनर्विकास की एक ईंट भी नहीं रखी गई, वहीं अडानी समूह ने मुंबई की १,२५३ एकड़ खाली जमीन पुनर्वसन के लिए मांग की है। लोगों को इस बात का भय है कि उनका विकास नहीं होगा और विकास की आड़ में अडानी मुंबई की खाली पड़ी जमीनों पर कब्जा कर लेगा। अडानी की तरफ से जिन रिक्त जमीनों की मांग की जा रही है, उसमें रेलवे की ४५ एकड़, मुलुंड जकात नाका पर १८ एकड़, मुलुंड कचरा पट्टी के यहां ४६ एकड़, मीठाघर में २८३ एकड़, मानखुर्द कचरापट्टी के यहां ८२३ एकड़, बीकेसी के जी/ब्लाक में १७ एकड़, कुर्ला के मदर डेयरी के यहां २१ एकड़ शामिल हैं।
इस तरह कुल मिलाकर अडानी ने सरकार से १,२५३ एकड़ खाली पड़ी जमीनों की मांग की है। अडानी की मांग को पूरा करने के लिए मिंधे सरकार आए दिन नए-नए आदेश निकालकर मुंबई की रिक्त जमीन की बंदरबांट कर रही है। ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ के पदाधिकारी राजू कोरडे ने मुंबईकरों से अडानी से मुंबई को बचाने की अपील की है।
धारावी में ही हो पुनर्वसन -अनिल देसाई
धारावी के विकास की आड़ में अडानी को लाभ पहुंचानेवाली शिंदे सरकार का विरोध शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद अनिल देसाई और कांग्रेस की सांसद वर्षा गायकवाड़ ने की है। इन दोनों नेताओं ने ‘धारावी पुनर्विकास प्रकल्प’ के मुख्य अधिकारी श्रीनिवासन को आड़े हाथों लिया। इन्होंने कहा कि धारावीकरों को धारावी में ही घर मिलना चाहिए, साथ ही जब तक धारावी पुनर्विकास प्रकल्प का ब्लू प्रिंट धारावीवासियों को नहीं मिलता तब तक सर्वे नहीं करने देंगे।