गोवंडी
गोवंडी शिवाजीनगर में एक रोड ऐसा भी है, जहां २४ घंटे बिन मौसम बरसात की तरह हर वक्त सड़क पर पानी बहता रहता है। रोड नंबर ६ का काम दो वर्ष पहले शुरू हुआ था, लेकिन रोड के दोनों तरफ गटर को बने एक वर्ष गुजर गया। अभी तक रोड का काम शुरू नहीं हुआ। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर मुर्गेश परमाल स्वामी वन्नियार ने इसकी जानकारी दी है।
मुर्गेश परमाल स्वामी वन्नियार ने बताया कि रोड नंबर-६ यानी ९० फीट रोड के छोर पर सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि उनमें पानी हर वक्त जमा रहता है। सड़क के अंतिम छोर पर मौजूद नाले से पानी हमेशा फ्लो होकर बाहर बहता है। हालांकि, चंद दिनों पहले ही मनपा प्रशासन की ओर से नाले की सफाई का काम शुरू किया गया था और ठेकेदारों के अनुसार, लगभग यह काम पूरा भी हो चुका है। इसके बावजूद नाले से बहता हुआ पानी सड़कों पर आ रहा है।
वहीं रोड क्रमांक ६ के सामने या यूं कहें ९० फीट रोड के दूसरे छोर पर संत निरंकारी नगर इलाका आता है और यह बेहद घनी आबादी वाला इलाका है। यहां पर रहनेवाले लोग ज्यादातर इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सड़क में मौजूद गड्ढे और उसमें भरा हुआ गंदा पानी उनके लिए मुसीबत का कारण बना हुआ है। हालांकि, कुछ रोज पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री ने २४ घंटे में मुंबई के सभी गड्ढों को भरने की बात कही थी, लेकिन इस सड़क पर पड़े गड्ढों की सुध लेनेवाला कोई नहीं है। स्थानीय जनता मुख्यमंत्री से एक ही सवाल पूछ रही है कि क्या यह इलाका मुंबई की हद के बाहर है?
चार-पांच दिन पहले ही ईगल नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इस रोड नंबर-६ पर मौजूद गड्ढों को पाटने का काम शुरू किया था और कुछ हद तक गड्ढे पाट भी दिए थे, लेकिन इस रोड के शुरुआती हिस्से में मौजूद गड्ढे शायद कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मियों को दिखाई नहीं दिए या फिर यूं कहें कि उन्होंने इसे देखकर भी अनदेखा कर दिया।
निरंकारी नगर से लेकर रोड नंबर-६ तक रहनेवाले बच्चे स्कूल आने-जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सड़क की इस खस्ताहाली का शिकार वे न हों, इस बात का डर इन बच्चों के परिजनों को हर वक्त लगा रहता है। इस रोड के मरम्मत कार्य को पुन: शुरू करने के लिए मनपा-एम ईस्ट वॉर्ड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया गया। इसके बावजूद मनपा अधिकारियों और ठेकेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
मुर्गेश परमाल ने बताया कि शिवाजी नगर क्षेत्र में एक से लेकर पंद्रह नंबर रोड तक सिर्फ एक ही रोड है, जिसका काम पूरा हुआ है। आखिर, इन ठेकेदारों की लापरवाही को नजरअंदाज करनेवाले मनपा अधिकारियों का क्या फायदा है, ऐसा सवाल लोगों के जेहन में पैदा हो रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि आखिर कब मनपा अधिकारी नींद से जागेंगे और उनकी यह समस्या हल करेंगे।