सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदुस्थान समेत पूरी दुनिया में बीते कुछ सालों में जीवनशैली में आया बदलाव जहर बनता जा रहा है। इस जहर के कारण लोगों के शरीर में गुपचुप तरीके से किलर हाइपरटेंशन घुस रहा है। यह बीमारी भले ही रफ्तार से इंसान को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन ४६ फीसदी लोग इससे पूरी तरह से अनजान हैं। हिंदुस्थान में इस बीमारी की चपेट में आने वाले शहरों में मुंबई सबसे आगे है।
उल्लेखनीय है कि हाइपरटेंशन दुनिया भर में अनुमानित १.२८ बिलियन वयस्कों को प्रभावित करता है। इसके प्रमुख जोखिम कारकों में अधिक उम्र, उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास, मोटापा, कम शारीरिक गतिविधियां, उच्च नमक वाला आहार, शराब और धूम्रपान जैसी लत शामिल हैं। इन कारकों को स्वीकार करके उच्च रक्तचाप के प्रबंधन और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने की दिशा में पहला कदम उठाया जा सकता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी
चिकित्सकों का कहना है कि उच्च रक्तचाप पर अक्सर तब तक ध्यान नहीं दिया जाता, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। इसमें गंभीर सिरदर्द, सीने में दर्द, मितली, उल्टी, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, चिंता, भ्रम, नाक से खून आना, कानों में घंटियां बजना और असामान्य हृदय गतिविधियां जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में इसका शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है।
पैदा हो सकती हैं ये समस्याएं
उच्च दबाव धमनियों को सख्त करते हुए रक्त वाहिकाओं और अंगों में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो सकता है, जिससे सीने में दर्द जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी की क्षति, यहां तक कि किडनी की विफलता, उच्च रक्तचाप रेटिनोपैथी दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
सायन अस्पताल के एनसीडी कॉर्नर का मरीज उठा रहे लाभ
मुंबई मनपा के सायन अस्पताल में आनेवाले मरीजों की एनसीडी कॉर्नर के माध्यम से उच्च रक्तचाप और मधुमेह संबंधी रोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अस्पताल में १२ जून तक कुल १,१३,९०४ लोगों की जांच की गई है। इसमें ६,११३ लोगों में हाइपर टेंशन और १२,११४ में मधुमेह की पुष्टि हुई है। उन्हें आगे की जांच के लिए मेडिसिन ओपीडी में भेजा गया है।